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JEE परीक्षा में लखनऊ के इस छात्र ने किया कमाल, जनवरी में 18, अप्रैल में आए 99 पर्सेंटाइल

जेईई मेन साल में दो बार आयोजित की जा रहा है. जहां  लखनऊ के छात्र ने जनवरी परीक्षा में 18 पर्सेटाइल हासिल किया था वहीं अपनी मेहनत के दम पर उसने अप्रैल में होने वाली परीक्षा में 99.22 पर्सेटाइल हासिल कर सभी को चौंका दिया.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से जेईई मेन परीक्षा  का आयोजन साल में दो बार किया गया.  जनवरी और अप्रैल में होने वाली जेईई मेन की परीक्षा  कुछ छात्रों के लिए ये सुनहरा मौका साबित हुई. क्योंकि जो छात्र जनवरी में अच्छा स्कोर नहीं कर पाए वहीं उन्होंने अप्रैल महीने में अपने नंबर से सभी को हैरान कर दिया. कुछ ऐसा ही कमाल किया है लखनऊ के मोहम्मद मुजम्मिल अहमद ने  जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से  अप्रैल में होने वाली जेईई मेन परीक्षा में 99.2 पर्सेटाइल हासिल किए.

आपको बता दें, 19 साल के मोहम्मद जनवरी महीने में आयोजित की गई जेईई मेन की परीक्षा में शामिल हुए थे.जिसमें उन्होंने 18.39 पर्सेटाइल हासिल किए थे. यह पहली बार है जब जेईई मेन परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जा रही है.

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वहीं जब जनवरी में मुजम्मिल ने जईई मेन में अपने नंबर देखें तो वह काफी परेशान हो गए थे. उनके भाई ने बताया कि तीन महीने में मुजम्मिल ने वो कर दिखाया जो किसी फिल्मों और कहानियों में होता है.  ये सच है कि जनवरी में उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक था. लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने 99.22 पर्सेटाइल हासिल कर सभी को चौंका दिया.

FIITJEE, लखनऊ के सेंटर हेड, एनके दुबे ने कहा कि  "मुज़म्मिल  ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन, सही सपोर्ट, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत हो तो आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं है.

आपको बता दें, इस साल जनवरी और अप्रैल में होने वाली जेईई मेन परीक्षा में कुल  6,08,440 उम्मीदवार शामिल हुए थे जिसमें  2,97,932 ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया है. लखनऊ के मोहम्मद मुजम्मिल अहमद के बारे में हर कोई जानकर हैरान है कैसे एक लड़ने के लिए 18 पर्सेटाइल से  99.2 पर्सेटाइल हासिल किया है.

मुजम्मिल ने बताया कि उनके पिता मोहम्मद शफीक अहमद की महीने की कमाई 16 हजार रुपये है. ऐसे में उन्होंने बड़ी मुश्किलों से मेरे खर्चे और कोचिंग की फीस का खर्च उठाया है. वहीं आर्थिक रूप से कमजोर होने का बाद भी पिताजी ने कभी किसी भी चीज के लिए मना नहीं किया है. उन्होंने बताया मेरे चाचा चाचा मोहम्मद नावेद आर्थिक सहयोग करते, ऐसे में वह हमे आर्थिक सहयोग देते हैं. उनके इसी सहयोग की वजह से मैं कोचिंग में पढ़ाई कर पाया हूं. बता दें, मुजम्मिल की स्कूलिंग राजेंद्र नगर के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से हुई है. उन्होंने 10वीं कक्षा में  94% और 12वीं कक्षा में 89% अंक हासिल किए थे.

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ऐसे शुरू की थी परीक्षा की तैयारी

मुजम्मिल को फुटबॉल खेलना पसंद है. उन्होंने बताया कि वह नेवी में शामिल होना चाहते थे. वहीं मेरा परिवार और मेरे चाचा जी चाहते थे कि मैं इंजीनियर में आगे करियर बनाऊं. जिसके बाद मैंने जेईई मेन की परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी है.

उन्होंने कहा शुरुआत में जनवरी की परीक्षा के लिए सीरियस नहीं था. जिस वजह से मेरी तैयारियां भी कुछ खास नहीं रही थी. लेकिन खराब प्रदर्शन और खराब परिणाम आने के बाद मेरे परिवार के सदस्यों ने  मुझे याद दिलाया कि मेरे चाचाजी मेरी पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाते है्ं, इसलिए लापरवाही करते हुए उनके पैसे बर्बाद न करूं. जिसके बाद मैंने कड़ी मेहनत शुरू कर दी. आज नतीजा सबके सामने हैं. अब मैं जेईई एडवांस की तैयारी कर रहा हूं.

आपको बता दे, जेईई मेन की पहली परीक्षा का आयोजन 8 जनवरी से 12 जनवरी को किया गया था.  वहीं अप्रैल में होने वाली दूसरी परीक्षा का आयोजन  7, 8, 9, 10 और 12 में किया गया था.

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