सरकार जल्द देश के संस्थानों की रेटिंग देकर विभाजित करने की योजना बना रही है. इसके माध्यम से सभी संस्थानों को एजूकेशन लोन देना आसान होगा.
इस योजना के अंतर्गत संस्थानों को मिले नंबर के अनुसार उन्हें लोन दिए जाने में प्रमुखता दी जाएगी. पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो 2010-2011 से एजूकेशन लोन की मांग पहले की तुलना में बढ़ गई है. कई बैंक संस्थानों से जुड़कर छात्रों के लिए बेहतर स्कीम भी निकालते हैं.
वर्तमान समय में दो करोड़ के करीब स्टूडेंट्स उच्च शिक्षा लेने के लिए अग्रसर हैं. इस बढ़ोत्तरी को देखते हुए सरकार संस्थानों को रेटिंग देने की योजना बनाने में प्रयासरत है.