कला के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों को अब मायूस होने की जरूरत नहीं है. गार्जियन के दबाव में आकर ट्रेडिशनल कोर्सेज (डॉक्टर, इंजीनियर, एमबीए) करने की भी जरूरत नहीं. हम आपको एक ऐसे कोर्स के बारे में बता रहे हैं जिससे आपका चेहरा खिल उठेगा.
आर्ट क्रिटिक, एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें क्रिटिक आर्टिस्ट के काम को देखता और इसका आकलन करता है. एक आर्ट क्रिटिक का काम आर्टिस्ट्स के काम का विशलेषण करना, व्याख्या करना और उसकी मूल्यांकन करना है. वह न्यूजपेपर्स, मैगजीन और न्यूज चैनल्स के जरिए आर्टिस्ट के आर्ट की समीक्षा करता है.
इस फील्ड में अपना करियर बनाने के लिए आर्ट क्रिटिक्स के पास आर्ट अंडरस्टैंडिंग और क्रिएटिव थिंकिंग होनी बहुत जरूरी है. साथ ही हिस्ट्री ऑफ आर्ट और भारत की आधुनिक और पारंपरिक कला की भी समझ होनी चाहिए.
इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाले छात्र 30,000 से 60,000 प्रति माह की सैलेरी पा सकते हैं.