कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश भर में 17 मई तक लॉकडाउन किया गया है. वहीं CBSE सहित देश भर के अलग अलग बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं. लेकिन कुछ छात्र ऑनलाइन कक्षाओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
ऐसे में छात्रों को ये बात जान लेनी चाहिए कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में उपस्थिति को लेकर सख्त है. सत्र 2020-21 की बात करें तो बोर्ड ने परीक्षाओं में शामिल होने के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य की है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने हाल ही में 9 वीं, 10 वीं, 11 वीं और 12 वीं के लिए CBSE सिलेबस 2020-21 भी जारी किया है.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करेंजो बच्चे घर से कक्षाएं अटेंड कर रहे हैं उन्हें अपनी क्लास का नवीनतम सीबीएसई पाठ्यक्रम जरूर पता होना चाहिए, विशेषकर वे छात्र जो मार्च 2021 में सीबीएसई 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले हैं. सीबीएसई स्कूलों के छात्रों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जान लें.
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अधिकांश सीबीएसई स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं और शिक्षक उपस्थिति ले रहे हैं. ऐसे में कई छात्र पूछ रहे हैं कि क्या कोई समस्या हो सकती है यदि वे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में आपको बता दें कि आधिकारिक नियमों और विनियमों के अनुसार, सीबीएसई ने 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य की है. छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे ऑनलाइन कक्षाओं को गंभीरता से लें और किसी भी मुद्दे से बचने के लिए उपस्थिति बनाए रखने का प्रयास करें.
नया सीबीएसई पाठ्यक्रम 2020-21:
सीबीएसई ने हाल ही में शैक्षणिक सत्र 2020-21 (9 वीं, 10 वीं, 11 वीं और 12 वीं) के लिए पाठ्यक्रम जारी किया है. छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम सीबीएसई सिलेबस 2020-21 को अपने पास रखें. वो इसे सीबीएसई की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि सीबीएसई सिलेबस को तब तक कम किया जा सकता है जब तक छात्रों को आधिकारिक पाठ्यक्रम का पालन करने की सलाह दी जाती है.
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अगस्त में आ सकता है CBSE रिजल्ट 2020
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा यह पहले ही तय कर लिया गया है कि CBSE 12 वीं और 10 वीं के पेंडिंग पेपर 1 जुलाई से 15 जुलाई 2020 तक आयोजित होंगे. इस बीच, CBSE मूल्यांकन प्रक्रिया कुछ समय बाद शुरू होगी. सीबीएसई रिजल्ट 2020 के अगस्त में जारी होने की उम्मीद है.
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आपको बता दें, सीबीएसई के सेक्रेटरी अनुराग त्रिपाठी ने कहा था कि, परीक्षा का मूल्यांकन करने के लिए हमें 1.5 से 2 महीने की आवश्यकता होगी. जैसे ही हमें अनुमति मिलेगी हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पेपर मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू कर देंगे. CBSE की लगभग 70% उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अभी भी करने की आवश्यकता है. हालांकि उनमें से कुछ का मूल्यांकन Covid-19 लॉकडाउन लागू होने से पहले 15 दिनों में किया गया था.
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आपको बता दें, फरवरी में बोर्ड परीक्षा शुरू होने के लगभग एक हफ्ते बाद सीबीएसई पेपर का मूल्यांकन शुरू हुआ था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इस रोकना पड़ा था. वहीं कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण, सीबीएसई अब आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए नियमों और दिशा-निर्देशों का एक सेट तैयार कर रहा है.