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CBSE 12th Result का DU दाख‍िले पर पड़ेगा असर, जानें कितनी बढ़ सकती है कटऑफ

CBSE कक्षा 12वीं का रिजल्ट आ चुका है. इस साल की बोर्ड परीक्षा में 90% और 95% से अधिक स्कोर करने वाले छात्रों का प्रतिशत काफी बढ़ गया है. इससे दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक प्रवेश के लिए कट-ऑफ में मामूली वृद्धि हो सकती है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

इस साल CBSE 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 90% और 95% से अधिक स्कोर करने वाले छात्रों का प्रतिशत काफी बढ़ा है. दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कॉलेज के प्राचार्यों के अनुसार इस बार डीयू में यूजी यानी स्नातक प्रवेश के लिए कट-ऑफ में हल्की बढ़त हो सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार कट ऑफ तैयार करने में दूसरे फैक्टर भी काम करते हैं.

पिछले साल, 17,693 उम्मीदवारों या कुल का 1.47% ने 95% से ऊपर अंक प्राप्त किए थे. वहीं इस साल यह प्रतिशत बढ़कर 3.24% हो गया है. इसी तरह साल 2019 में 90% से अधिक स्कोर करने वाले उम्मीदवारों की संख्या भी 7.82% से बढ़कर 2020 में 13.24% हो गई है. अगर बीते सालों का ट्रेंड देखें तो हाई स्कोरिंग ब्रैकेट में आने वाले छात्रों का प्रतिशत बढ़ता रहता है.

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं के नतीजों में इस बार 90 और 95 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले छात्रों की संख्या काफी बढ़ गई है. इसके अलावा 90 से 100 अंक पाने वाले छात्रों की संख्या भी इस साल बढ़ी है. इसके चलते डीयू की कट ऑफ पर भी असर पड़ने की संभावना है. डीयू से जुड़े शिक्षक अनुमान लगा रहे हैं कि डीयू की कट ऑफ में औसत 0.25 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है.

खासकर पहली दो कट ऑफ में यह बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. पूर्व डिप्टी डीन व वर्तमान में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा ने कहा कि सीबीएसई के नतीजों का पूरा असर कट ऑफ पर पड़ता है. डीयू में सबसे अधिक सीबीएसई बोर्ड के छात्र ही दाखिला लेते हैं. यदि 90 से 100 के बीच अंक लाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होती है तो इसका असर कट ऑफ पर पड़ता है.

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बोर्ड के नतीजों में इस साल देशभर में 1,57,934 छात्रों ने 90 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, जबकि 95 फीसदी से अधिक लाने वालों की संख्या 38,686 पहुंच गई है. वहीं 2019 की बात करें तो इस साल 95 फीसदी से अध‍िक वालों की संख्या 94,299 और 90 फीसदी से अधिक अंक लाने वालों की संख्या 17,693 थी.

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इस बार 90 फीसदी से अधिक अंक लाने वालों की संख्या 63,635 हैं, जबकि 95 फीसदी व उससे अधिक अंक वालों की संख्या 20,993 है. ऐसे में यदि अब 90 व 95 फीसदी वाले छात्रों में से दो तिहाई छात्र भी दाखिला लेना चाहेंगे तो कट ऑफ में उछाल आ जाएगा.

इस तरह पुराने पैटर्न को देखें तो हर साल कट ऑफ में इजाफा होता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण हॉस्टल व पीजी में यदि दाखिले नहीं हुए तो बाहरी राज्यों के छात्रों के अभिभावक डीयू में दाखिले के लिए नहीं भेजेंगे. कट ऑफ पर इन सभी फैक्टर्स का भी असर पड़ सकता है.

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