JPSC Combined Civil Services Final Result 2021 Declared: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने संयुक्त सिविल सेवा (मेन्स) 2021 का परिणाम घोषित कर दिया है. जो उम्मीदवार, मई 2022 में आयोजित हुए इंटरव्यू राउंड में उपस्थित हुए थे वे जेपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट jpsc.gov.in पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं. जेपीएससी के 7वीं से लेकर 10वीं सिविल सेवा इंटरव्यू राउंड में कुल 252 उम्मीदवार पास हुए हैं.
जेपीएससी मुख्य परीक्षा 2021 11 से 13 मार्च 2022 तक आयोजित की गई थी और साक्षात्कार का दौर 9 से 16 मई के बीच आयोजित किया गया था. मुख्य परीक्षा में क्वालीफाई हुए कुल 802 उम्मीदवारों ने इंटरव्यू दिया था. कुमार विनोद झारखंड पुलिस सेवा के टॉपर रहे. टॉप 10 में तीन लड़कियां शामिल हैं. रिजल्ट चेक करने का तरीका और टॉपर्स लिस्ट नीचे चेक कर सकते हैं.
टॉप 10 उम्मीदवारों की लिस्ट ये रही-
नाम : सेवा
1. सावित्री कुमारी : झारखंड प्रशासनिक सेवा
2. कुमार विनोद : झारखंड पुलिस सेवा
3. मो अरमानुल हक : झारखंड पुलिस सेवा
4. अभिनव कुमार : झारखंड प्रशासनिक सेवा
5. आशीष कुमार साहू : झारखंड प्रशासनिक सेवा
6. पूजा कुमारी : झारखंड पुलिस सेवा
7. राजीव रंजन : झारखंड पुलिस सेवा
8. भोला पांडेय : झारखंड प्रशासनिक सेवा
9. अंकित बड़ाईक : झारखंड प्रशासनिक सेवा
10. आशा साहू : झारखंड प्रशासनिक सेवा
जानें कैसे चेक करें जेपीएससी रिजल्ट
स्टेप 1: सबसे पहले जेपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट jpsc.gov.in पर जाएं.
स्टेप 2: होम पेज पर, 'Combined Civil Services Mains 2021 result' लिंक पर क्लिक करें.
स्टेप 3: स्क्रीन पर जेएपीएससी कंबाइंड सिविल सर्विसेज फाइनल रिजल्ट खुल जाएगा.
स्टेप 4: इस लिस्ट में अपना रोल नंबर, नाम, प्राइमरी कैटेगरी और मिला विभाग आदि चेक करें.
स्टेप 5: इसे चेक और डाउनलोड करके आगे के लिए प्रिंटआउट लेकर अपने पास रख लें.
जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट, यहां चेक करें-
शुरू से विवादों में रही जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021
दरअसल, जेपीएससी 7वीं से 10वीं परीक्षा लगातार विवादों में रही है. जेपीएससी 7वीं से लेकर 10वीं तक प्रीलिम्स को लेकर सदन से लेकर सड़क तक हंगामा होता रहा और प्रीलिम्स के रिजल्ट को रद्द करने की मांग समेत सीबीआई जांच की मांग उठी थी. आरोप था कि एक ही कमरे में 33 कैंडिडेट जो आगे पीछे सीरियल में बैठे थे वे कैसे पास कर गए. इसके अलावा कट ऑफ जारी नहीं करने पे भी सवाल उठे थे. BJP ने शीतकालीन सत्र में जमकर हंगामा किया था और सदन वाश आउट होता रहा था. सवाल ये भी उठा था कि कम अंक वाले पास और ज़्यादा अंक लेकर भी कैंडिडेट फेल कैसे हो गए. मामला झारखंड हाई कोर्ट तक पहुंचा लेकिन कोर्ट ने इम्तेहान पे रोक लगाने से मना कर दिया. फाइनल रिजल्ट के बाद भी छात्र नेता देवेंद्र ने आरोप लगाया है कि धांधली हुई है. इसके खिलाफ आंदोलन होगा और जरूरत पड़ने पर अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.
झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष आंदोलनकारी छात्र देवेंद्र नाथ महतो ने सातवीं से दसवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षाफल पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि 7वीं से 10वीं जेपीएससी प्रक्रिया में शुरू से अंतिम तक भारी धांधली हुई है. नियमावली का तार तार करके खूब भाई भतीजावाद किया गया है, साथ उन्होंने यह बताया कि अन्य राज्य के आयोग इंटरव्यू लिए एक दो दिन के अंदर रिजल्ट जारी करता है जबकि जेपीएससी आयोग इंटरव्यू के बाद परीक्षाफल जारी करने में 15 दिन लगा दिया आखिर किसका सिलेक्शन करने में इतना ज्यादा समय ले लिया, जबकि जेपीएससी आयोग पिटी परीक्षाफल के मात्र 21 दिन के अंदर आनन फानन में मुख्य परीक्षा ले लिया और तो और मुख्य परीक्षा में बैठे लगभग 4500 छात्रों का कॉपी लगभग मात्र 14 दिन में ही बिना मॉडल अंसर शीट के ही चेक कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि बिना मॉडल अंसर शीट के आखिर एक ही विषय के शिक्षक बाकी विषय के कॉपी कैसे जांच लिया जेपीएससी द्वारा अब तक सबसे बड़ा धांधली है. जेपीएससी इस बार क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा को समान प्रतिनिधित्व से भी वंचित करने का काम किया है. जेपीएससी आयोग परीक्षाफल के साथ कट ऑफ और मार्क्स जारी नहीं किया है, जिस दिन आयोग छात्रों का मार्क्स जारी करेगा अनेक गड़बड़ियां सामने आएगी. आयोग ने आरक्षित वर्गों के रिजल्ट में सर्टिफिकेट हेरा फेरी किया है सीरियल नंबर 140 कैलाश मिश्रा का ओबीसी वर्ग वन श्रेणी में, विशाल प्रताप मालवा सीरियल नंबर 101 EWS क्षेणी में और विनोद कुमार सिंह सीरियल नंबर 183 का एसटी श्रेणी में रिजल्ट जारी किया गया है.
उन्होंने यह तक कह दिया कि यह तो गड़बड़ी का नमूना मात्र है. इसीलिए छात्रों के भविष्य और राज्य के सबसे बड़ी संवैधानिक नियुक्ति संस्था पर विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सातवीं से दसवीं जेपीएससी गड़बड़ी के मामला का सीबीआई से जांच कराया जाए. चूंकि सातवीं से दसवीं जेपीएससी शुरू से विवाद में रहा है. होम सेंटर के कारण भ्रष्टाचार, पिटी परीक्षा में क्वेश्चन लिंक, एक कक्षा से क्रमवार पास, ओएमआर चोरी के अलावा अन्य गड़बड़ी का मामला को लेकर लगातार आंदोलन के माध्यम से उजागार किया जा चुका है.