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फुटपाथ पर चाय बेचने वाला बच्चा लाया मैट्रिक में फर्स्ट डिवीजन, बोला - ये तो बस शुरुआत है!

बिहार में 10वीं के परिणामों में चाय बेचने वाले अंकित कुमार ने फर्स्ट डिवीजन हासिल की है. अंकित रेड लाइड ऐरिया में फुटपाथ पर चाय की दुकान चलाते हैं और साथ में अपनी पढ़ाई भी करते हैं.

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Ankit kumar got first division in matric result
Ankit kumar got first division in matric result

बिहार बोर्ड 10वीं के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं. इस परीक्षा में किसी ने टॉप तो किसी से फर्स्ट डिवीजन लाकर अपने जिले और माता-पिता का नाम रौशन किया है, इन्हीं में से एक है अंकित कुमार. अंकित की कहानी थोड़ी अलग है, क्योंकि वह किसी बड़े स्कूल से नहीं पढ़े और ना ही उन्होंने कोई कोचिंग या घर पर घंटो पढ़ाई करके एग्जाम निकाला है. अंकित ने लोगों को चाय पिलाते हुए अपनी पढ़ाई की है.

मुजफ्फरपुर के रेड लाइट बस्ती चतुर्भुज स्थान चौक के फुटपाथ पर चाय की दुकान चलाने वाले अंकित कुमार ने परिवार की परवरिश के साथ-साथ जिला स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई कर फर्स्ट डिविजन से 10वीं पास की है. आज अंकित की इस सफलता पर उनके माता-पिता के साथ-साथ पूरा मौहल्ला खुशी से झूम उठा है. अंकित दिन भर फुटपाथ पर बैठकर लोगों को गरमागरम चाय पिलाते हैं. एक तरफ चाय की केतली और दूसरी तरफ उनकी किताबें रखीं नजर आती हैं. 

पापा बीमार पड़े तो घर चलाने के लिए खोली थी चाय की दुकान

जब अंकित ने अपना बिहार बोर्ड दसवीं रिजल्ट देखा तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि उन्होंने फर्स्ट डिवीजन से मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली है. अंकित के पिता अनिल कुमार रजक पेशे से टोटो (ई-रिक्शा) ड्राइवर थे पर कोरोना काल में जब उनकी तबीयत खराब हो गई और तब उन्हें अपना टोटो तक बेचना पड़ा. इसके बाद अंकित ने घर की जिम्मेदारी उठाते हुए चतुर्भुज स्थान चौक के फुटपाथ पर चाय की दुकान खोल ली. चाय की दुकान चलाने के साथ ही अंकित ने अपनी पढ़ाई को भी जारी रखा. 

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बदनामी के लिए जाना जाता था मोहल्ला, अंकित ने बदली छव‍ि 

परीक्षा पास करने के बाद अंकित की चाय की दुकान पर उन्हें शुभकामनाएं देने वालों की भीड़ लग गई. रोज जिसे लोग छोटू कहकर बुलाते थे, आज वो भी उसे सम्मान से अंक‍ित कहते दिख रहे हैं. अंकित आगे पढ़ाई पूरी करके पुलिस अफसर बनना चाहते हैं. वहीं, अंकित की सफलता से मोहल्ले के लोग भी काफी खुश हैं. मोहल्ला कभी अपनी बदनामी के लिए जाना जाता था आज उस मोहल्ले के एक बच्चे ने सभी का नाम रौशन कर दिया है. अंकित ने बताया कि कोरोना काल में पिताजी बीमार पड़ गये तो उनका ई-रिक्शा बेचना पड़ा फिर परिवार चलाने के लिए चाय दुकान खोल लिया लेकिन समय से स्कूल जाता और पढ़ाई भी करता रहा. अंकित ने आगे कहा कि यह तो बस शुरुआत है. आगे मंजिल तक सफर बाकी है. वहीं, बेटे की सफलता से फूले नहीं समा रहे पिता अनिल रजक ने बताया कि मैं बीमार पड़ा और टोटो बिक गई जिसके बाद बेटे ने चाय की दुकान खोल ली ओर परिवार को संभाला. आज फर्स्ट डिविजन में पास किया है काफी खूशी है. गौरतलब है कि अंकित ने विपरीत परिस्थिति में परिवार का सहयोग और पढ़ाई की है. 

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