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Personality Development Tricks: प्रोडक्टिविटी घटी तो करियर बर्बाद होना तय! इन 5 बड़ी वजहों को बिल्कुल न करें इग्नोर

अगर आप करियर में ग्रोथ चाहते हैं तो इसके लिए आपका प्रोडक्टिव होना बेहद जरूरी है. वर्क प्लेस पर कम प्रोडक्टिविटी आपके करियर को खराब कर सकती है. आज हम आपको ऐसी वजहों की जानकारी दे रहे हैं जिनका असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर पड़ता है.

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Why you feel unproductive (Representational Image)
Why you feel unproductive (Representational Image)

करियर में ग्रोथ के लिए सबसे जरूरी है कि आप पूरी मेहनत और लगन से काम करें. आपके एक्शन ही आपके जीवन में सफलता लेकर आते हैं, लेकिन आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर खुद को बहुत कम प्रोडक्टिव पाते हैं. कम प्रोडक्टिव होने की वजह से हम अक्सर स्ट्रेस महसूस करते हैं. कई बार लाख कोशिशों के बाद भी हम खुद को प्रोडक्टिव नहीं बना पाते जिस कारण हमें काफी परेशानी होती है. 

क्या है प्रोडक्टिविटी? 
किसी व्यक्ति की प्रोडक्टिविटी का मतलब होता है कम समय में उच्च गुणवत्ता पूर्ण कार्य करते हुए अधिकतम आउटपुट निकलना. इसका सीधा सा मतलब है किसी व्यक्ति के कार्य करने की पूरी क्षमता से निकलने वाले आउटपुट को प्रोडक्टिविटी कह सकते हैं. अब जब प्रोडक्टिविटी का मतलब पता चल गया है तो जाहिर है कि आप इस बात को भी अच्छे से समझ सकते हैं कि वर्क प्लेस पर आपका प्रोडक्टिव होना क्यों जरूरी है. आप जितना ज्यादा प्रोडक्टिव होंगे, उतना ही आपको पसंद किया जाएगा और आप सफलता की सीढ़ी  चढ़ सकेंगे. 

बहुत से लोग आज इस परेशानी से जूझ रहे हैं. बहुत से लोग चाहते हुए भी खुद को प्रोडक्टिव नहीं बना पाते. अगर आप खुद को प्रोडक्टिव बनाना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप उन वजहों को समझें जिस कारण से आपने प्रोडक्टिविटी खो दी है. किसी भी परेशानी का हल ढूंढने का पहला पड़ाव होता है उस परेशानी की वजह को पता करना. जब एक बार आप खुद के प्रोडक्टिव न होने की वजह को खोज लेंगे तो आप उन्हें दूर करने के रास्ते भी निकाल लेंगे. आज हम आपको सात ऐसी वजह बता रहे हैं जिस कारण आप प्रोडक्टिविटी को खो रहे हैं. इसलिए इन सात वजहों को बिल्कुल नजरअंदाज न करें. 

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एक साथ बहुत सारे टास्क: वर्क प्लेस पर कम प्रोडक्टिविटी की सबसे बड़ी वजह हो सकती है कि आपके पास एक वक्त पर बहुत सारे टास्क होना. जब आपके पास एक ही वक्त पर बहुत सारे काम होते हैं करने को तो जाहिर है आपका दिमाग स्ट्रेस लेने लगता है. इस स्ट्रेस से आपके निर्णय लेने की क्षमता पर फर्क पड़ता है और आपके काम में खुद-ब-खुद देरी होने लगती है. यही वजह है कि एक साथ बहुत से टास्क आपके पास होने से आपकी प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ता है. 

आसानी से भटक जाता है ध्यान: आज के वक्त में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो आपका ध्यान आसानी से भटका सकती हैं. इसमें सबसे बड़ा रोल है आपके मोबाइल फोन का. आप मन लगाकर काम करते हैं और फोन पर एक नोटिफिकेशन आपके फोकस को कम कर देता है. अगर आपको प्रोडक्टिविटी बढ़ानी है तो वर्क प्लेस पर ध्यान को भटकने से रोकने की कला आपको आनी चाहिए. एक बार आपका काम से ध्यान भटकता है तो उसमें समय की बहुत बर्बादी होती है और इसका असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर नजर आता है. 

परफेक्शन के पीछे भागना: एक्सपर्ट्स की मानें तो हर काम में परफेक्शन पाने की चाह और हर चीज पर कंट्रोल रखने की इच्छा भी आपकी प्रोडक्टिविटी पर असर डालती है. जब आप परफेक्शन के पीछे भागते हैं तो छोटे से छोटे काम को पूरा करने में भी आप बहुत ही ज्यादा वक्त लगा देते हैं, जिससे आपके आगे के काम में देरी होती रहती है. इसका सीधा असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर पड़ता है. 

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लक्ष्य का साफ न होना: अगर आपको ये पता ही नहीं है कि आप जो काम कर रहे हैं, उसे आप क्यों कर रहे हैं तो आप फिजूल की मेहनत करके अपना वक्त बर्बाद कर रहे हैं. ऐसा करते हुए आपको लग सकता है कि आप मेहनत से काम कर रहे हैं, लेकिन अगर उस काम का आउटपुट आपके लक्ष्य से अलग है तो उस काम को गिनना व्यर्थ है. इससे आप बस अपना समय और मेहनत बेकार कर रहे हैं. इसका असर आपके काम की प्रोडक्टिविटी पर पड़ता है. 

प्राथमिकताएं नहीं तय करते: जब आप वर्क प्लेस पर होते हैं तो आमतौर पर होता है कि आपके पास एक के बाद एक कई काम होते हैं. ऐसे में आपको किस काम को पहले करना है, किस काम को बाद में करना है, ये तय करना आना चाहिए. जब आपको आपकी प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी होगी, आप अपने समय और मेहनत को सही दिशा में इस्तेमाल कर पाएंगे. अगर आपको प्राथमिकताएं तय करना नहीं आता है तो जाहिर है इसका असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर पड़ता है. 

एनर्जी की कमी: पूरी तरह से प्रोडक्टिव होने के लिए समय और एनर्जी दोनों की जरूरत होती है. अगर आप अपने वर्क प्लेस पर थके हुए या नींद पूरी किए बिना पहुंच रहे हैं तो मुमकिन है कि आप पूरे फोकस से काम नहीं कर पाएंगे. इससे आपके समय की बर्बादी तो होगी ही साथ ही, आप परेशान भी होते रहेंगे. इसका सीधा असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर पड़ता है. 

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काम करने की मोटिवेशन न होना: बिना मोटिवेशन के किसी चीज पर फोकस करके अपना 100 प्रतिशत देना बहुत मुश्किल होता है. अगर आपको अपने काम में किसी तरह की मोटिवेशन नहीं मिल रही है तो आपकी प्रोडक्टिविटी कम होना जाहिर है.

 

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