Project Abhishakti: दिल्ली में कालकाजी में स्थित एक सरकारी स्कूल में केवल टीचर्स की 'स्पेशल क्लासेस' चल रही हैं. सरकारी स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता को और बेहतर करने के लिए 104 शिक्षकों को 27 अगस्त से 5 दिन तक 'स्पेशल क्लास' में बुलाया जा रहा है. इसे 'प्रोजेक्ट अभिशक्ति' नाम दिया गया है. अब सवाल यह उठता है कि दिल्ली सरकार का यह 'प्रोजेक्ट अभिशक्ति' क्या है? इससे छात्रों कैसे फायदा होगा?
दरअसल, स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) के तहत यह 'प्रोजेक्ट अभिशक्ति' शुरू किया गया है. इसमें सरकारी स्कूल के शिक्षकों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है. यह ट्रेनिंग कक्षा 6 से 9वीं क्लास तक के उन छात्रों की पहचान करने के लिए है जो बाकी बच्चों के मुकाबले ज्यादा होशियार और प्रतिभाशाली हैं. ताकि उन बच्चों की प्रतिभा को पहचाना जो सके और उन्हें अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. शिक्षकों को ऐसे बच्चों की बेहतरी के लिए कुछ अलग और नया सोचने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है.
क्या बोले SCERT के ज्वॉइंट डायरेक्टर?
SCERT के ज्वॉइंट डायरेक्टर नाहर सिंह ने आधिकारिक बयान देते हुए बताया कि आमतौर पर शिक्षक उन बच्चों पर ज्यादा ध्यान देते हैं जो पढ़ने में कमज़ोर होते हैं, जिसके कारण वे ऐसे बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते जो बाकी बच्चों के मुकाबले ज्यादा होशियार होते हैं. उन्होंने आगे कहा कि इन प्रशिक्षण के पीछे का मुख्य उद्देश्य है होशियार बच्चों की असली प्रतिभा को पहचानकर उन्हें उनकी काबिलियत के अनुसार शिक्षित करना है. साथ ही उन्हें ऐसे सुविधाएं मुहैया कराना जो उनकी पढ़ाई में उनकी सहायता करेगा.
बता दें मंगलवार यानी 27 अगस्त को प्रशिक्षण के पहले दिन की थीम थी 'Introduction and Understanding Giftedness'. इस प्रोग्राम की शुरुआत डायरेक्टोरेट ऑफ एजुकेशन और SCERT द्वारा की गई है जिसमें दिल्ली के 15 सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.