उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दखल के बाद चार दिन बाद अभ्यर्थियों की मांग स्वीकार कर ली है. यूपी RO/ARO परीक्षा स्थगित कर दी गई है और यूपी पीसीएस फिर से पुराने पैटर्न पर कराने का फैसला लिया गया है. आयोग ने अपनी वेबसाइट पर नोटिस जारी कर इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है. सरकार ने पीसीएस परीक्षा के अभ्यर्थियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इस परीक्षा के लिए केंद्र बनाने के मानक में संशोधन किया है. परीक्षा के लिए नई गाइडलाइंस से अभ्यर्थियों को सुविधा रहेगी.
नई गाइडलाइंस के अनुसार, अब जरूरी नहीं है कि एग्जाम सेंटर शहर में ही बनाया जाए. इसकी अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. इसके अलावा यह फैसला भी लिया गया है कि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व कोषागार की दूरी 10 किलोमीटर होना जरूरी नहीं है. हालांकि, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा केंद्र मुख्य मार्ग पर स्थित संस्थाओं में ही बनाए जाएं. प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक एम देवराज ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में निर्देश जारी किया है. साथ ही सभी आयोगों और बोर्ड अध्यक्षों को इसकी सूचना दी है.
क्यों हो रहा था विरोध?
दरअसल, प्रयागराज में छात्र सोमवार ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना था कि सहायक अधिकारी और समीक्षा अधिकारी परीक्षा समेत पीसीएस की परीक्षा को एक ही शिफ्ट में कराया जाए ताकि मूल्यांकन की प्रक्रिया में नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस लागू ना हो. आयोग के परीक्षा कराने के तरीके से नाराज छात्रों ने लगातार चार दिन धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगे सामने रखीं. इसके बाद प्रदेश सरकार ने उनकी मांगे स्वीकार की और फैसला लिया कि एग्जाम को एक ही दिन एक ही शिफ्ट में आयोजित कराया जाएगा.

आयोग के फैसले के बाद भी धरना प्रदर्शन क्यों?
अभ्यर्थियों का मानना है कि सरकार ने पीसीएस परीक्षा के लिए तो एक दिन एक पाली कर दिया है, लेकिन RO/ARO परीक्षा के बारे में कमेटी बनाने को कहा है, अब ये कैसी कमेटी होगी और एग्जाम एक पाली में होगा या नहीं अभी तक क्लियर नहीं हुआ है. अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार पहले क्लियर करे की RO/ARO एग्जाम कब? और कमेटी क्या डिसाइड करेगी? तब तक धरना प्रदर्शन ऐसे ही बना रहेगा.
बता दें कि पीसीएस परीक्षा के मुकाबले समीक्षा अधिकार (RO)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) के अभ्यर्थियों की संख्या अधिक है. इस परीक्षा में करीब 11 लाख (10,76,004) अभ्यर्थियों के बैठने की उम्मीद है. आरओ/एआरओ के अभ्यर्थियों ने पीसीएस के अभ्यर्थियों के साथ मिलकर इस आंदोलन को काफी बड़ा बना दिया है. हालांकि इनमें ऐसे भी अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने दोनों परीक्षाओं के लिए आवेदन किया है. आयोग के फैसले को अभ्यर्थी आधा-अधूरा बता रहे हैं.