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CUET ही नहीं, अब इन तरीकों से भी होंगे कॉलेज में एडमिशन, सीटें खाली जाने पर UGC ने उठाया ये कदम

अगर कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए छात्र सीयूईटी की परीक्षा नहीं क्लियर नहीं कर पाते हैं तो वह उन यूनिवर्सिटी में जा सकते हैं जहां सीटें खाली बच गई हैं. यूजीसी ने घोषणा की है कि यदि सीयूईटी स्कोर के जरिए स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों (कोर्सेज) की सीटें खाली रह जाती हैं तो केंद्रीय विश्वविद्यालय अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा (Entrance Examinations) आयोजित कर सकते हैं या योग्यता परीक्षा (क्वालिफाइंग एग्जाम) में अंकों के आधार पर छात्र-छात्राओं को एडमिशन दे सकते हैं.

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UGC on College Admission
UGC on College Admission

ग्रेजुएशन या पीजी कोर्स में दाखिला लेने के लिए कैंडिडेट्स एनटीए द्वारा आयोजित सीयूईटी परीक्षा देते हैं. एनटीए के इस एंट्रेंस एग्जाम के जरिये ही कॉलेज एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करते हैं. लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ सीटें खाली भी रह जाती हैं. यूजीसी ने अब इस परेशानी का हल निकाल लिया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों और सम्बद्ध/घटक महाविद्यालयों में UG/PG दाखिले को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (SOPs) जारी किए हैं.

CUET के अलावा अपना सकते हैं ये दो तरीके

UGC अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा कि CUET स्कोर के आधार पर एडमिशन के बाद भी अगर कॉलेज में सीटें खाली रह जाती हैं तो विश्वविद्यालय अतिरिक्त मानकों का प्रयोग कर सीटें फिल कर सकते हैं. इसमें एक ऑप्शन प्रवेश परीक्षा का भी है. यूजीसी ने सीटें भरने के लिए कई तरीके बताए हैं. आइए जानते हैं-

  • विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर सकते हैं या विश्वविद्यालय के सम्बन्धित द्वारा छंटनी परीक्षा (Screening Test) का आयोजन किया जा सकता है.
  • विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं का दाखिला योग्यता परीक्षा (Qualifying Exam) के प्राप्तांकों के आधार पर भी कर सकते हैं. 

इन दो तरीकों को फॉलो करके संस्थान अपने कॉलेज की खाली सीटें भर सकता है. हालांकि, स्टूडेंट्स को ध्यान देना चाहिए कि UGC की तरफ से जारी SOPs में कहा गया है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों व सम्बद्ध/घटक महाविद्यालयों में UG/PG दाखिले के लिए मुख्य आधार CUET के अंक ही होंगे.

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विवादों में इस साल सीयूईटी यूजी परीक्षा

इस साल सीयूईटी यूजी की परीक्षा भी विवादों में रही एनटीए ने 7 जुलाई को प्रोविजनल आंसर-की जारी की थी और 9 जुलाई तक इस आपत्ति स्वीकार की गई थी. अभ्यर्थियों ने एजेंसी पर आरोप लगाए थे कि 6 विषयों के आधे से अधिक सवाल गलत हैं. प्राप्त आपत्तियों के निपटारे के बाद फाइनल आंसर-की 25 जुलाई को जारी की गई थी. बिजनेस स्टडीज विषय में कुल 8,024 छात्रों को पूरे नंबर मिले हैं. इसके बाद दूसरे स्थान पर राजनीति विज्ञान है, जिनमें कुल 5,141 स्टूडेंट्स को पूरे नंबर मिले हैं. वहीं इतिहास में 2,520, अंग्रेजी में 1,683 और मनोविज्ञान में 1,602 छात्रों को पूरे नंबर मिले. सबसे ज्यादा छात्र जनरल टेस्ट में 7.09 लाख शामिल हुए थे केवल एक छात्र को ही पूरे नंबर मिले.

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