School Closed: असम के कई जिले पिछले दो दिनों से तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की मार झेल रहे हैं. 50 से ज्यादा गांवों में रहने वाले करीब 37 हजार से ज्यादा लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और 2 लोगों की मौत हो गई है. इस बीच असम के तिनसुकिया जिले में जिला प्रशासन ने एहतियातन आज जिले के सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद करने कर दिया है. रविवार की छुट्टी के बाद आज स्कूल खुलने थे लेकिन बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल-कॉलेज बंद रखने का फैसला लिया गया है.
तिनसुकिया जिले के उपायुक्त की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है, "शनिवार और रविवार की रात में हुई तेज आंधी और ओलावृष्टि के मद्देनजर तबाही के निशान और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए और छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए तिनसुकिया जिले के सभी स्कूल और कॉलेज 24 अप्रैल को बंद रहेंगे."
54 गांवों के लोग प्रभावित
तिनसुकिया जिले के उपायुक्त स्वप्निल पॉल ने एएनआई को बताया कि जिले के डूमडूमा इलाके में आए भीषण तूफान में दो लोगों की मौत हो गई. जिला प्रशासन के मुताबिक, तेज आंधी और ओलावृष्टि से 54 गांवों के करीब 37,200 लोग प्रभावित हुए हैं. इससे पहले शुक्रवार को असम के करीमगंज जिले में तेज आंधी तूफान से सात साल के एक बच्चे की मौत हो गई थी और 400 से ज्यादा घर प्रभावित हुए थे. असम सरकार के श्रम मंत्री संजय किसान पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचे और बेघर परिवारों को आश्रय शिविरों में आवास उपलब्ध कराने की व्यवस्था की.
करीमगंज में 7 साल के बच्चे की मौत
इससे पहले शुक्रवार को असम के करीमगंज जिले में तेज आंधी तूफान से सात साल के एक बच्चे की मौत हो गई थी. यहां 400 से ज्यादा घर प्रभावित हुए थे. पाथरकंडी राजस्व मंडल अधिकारी अर्पिता दत्ता मजूमदार के मुताबिक प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार पथरकंडी की पांच ग्राम पंचायतों के 428 परिवार तूफान से प्रभावित हुए.
गिरे पेड़, उखड़े खंभे... तबाही के कई निशान
पथरकंडी क्षेत्र में आंधी के कारण मकान गिरने से 7 वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी थी. तूफान के कारण छत गिरने से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए थे. जिला प्रशासन के मुताबिक तूफान से इलाके में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए थे.
बता दें कि पिछले दो दिनों से असम के तिनसुकिया जिले के लोगों को लगातार मौसम की मार झेलनी पड़ रही है. हालात ऐसे हैं कि तूफान के कारण कई लागों को घरों की टीन शेड तक उड़ गए हैं और लोगों को खुले आसामन के नीचे जिंदगी गुजारनी पड़ रही है. हालांकि, पीड़ित परिवारों को राहत देने के लिए प्रशासन अपने स्तर पर राहत एवं बचान अभियान चला रहा है.