UP RO ARO Paper Cancelled: पेपर लीक की वजह से यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के बाद अब आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा भी रद्द कर दी गई है. उम्मीदवार, लंबे से समये योगी सरकार से पेपर रद्द की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. सीएम योगी के इस फैसले के बाद अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है. पेपर लीक मामले की एसटीएफ को जांच दी गई है.
आज तक की खबर का एक बार फिर बड़ा असर
आज तक ने पुलिस भर्ती के बाद सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का भी मुद्दा उठाया था. 10तक में दिखाई थी पेपर लीक के पूरे सबूत के साथ खबर परीक्षा की शुचिता पर सवाल किए गए थे. अब सीएम योगी ने समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक परीक्षा निरस्त कर युवाओं के हित में बड़ा फैसला लिया है.
अब कब होगी RO/ ARO की भर्ती परीक्षा?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2023 की शनिवार को समीक्षा की गई. इस परीक्षा में कथित रूप से प्रश्न पत्र के कतिपय प्रश्नों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसके संबंध में शासन द्वारा सर्व साधारण को परीक्षा को प्रभावित करने से संबंधित तथ्यों के साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने की विज्ञप्ति निर्गत की गयी थी. सीएम योगी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) के माध्यम से एग्जाम कैंसिल करने की जानकारी दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि परीक्षा 6 महीने के अंदर दोबारा आयोजित की जाएगी. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2023 को निरस्त करने और आगामी 06 माह में इसे पुनः कराने के आदेश दिए हैं.'
नजीर बन जाएगी दोषियों की सजा
सीएम योगी ने कड़े शब्दों में पेपर लीक के दोषियों को चेतावनी देते हुए कहा,'परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा. युवाओं के दोषियों को ऐसी सजा दिलाएंगे, जो नजीर बनेगी.'
बता दें कि कार्मिक विभाग ने बीते 11 फरवरी 2024 को हुई समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की भर्ती परीक्षा में शिकायतों को लेकर समीक्षा शुरू की थी. शासन ने अभ्यर्थियों से 27 फरवरी तक पेपर संबंधी आपत्तियों को सबूत के साथ मांगे थे. RO/ Aro भर्ती पेपर लीक के खिलाफ आंंदोलन कर रहे उम्मीदवारों का कहना था कि उनके पास सारे सबूत हैं और उनकी मांग है कि परीक्षा निरस्त कर देनी चाहिए.
आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों के बीच पहुंची थी आजतक टीम
आरओ-एआरओ परीक्षा का पेपर लीक होने का दावों को जानने के लिए 'आजतक' उन अभ्यर्थियों के बीच पहुंचा था, जिनके पास पेपर लीक परीक्षा से पहले ही पहुंच गया था और जिसकी शिकायत उन्होंने आयोग और उत्तर प्रदेश सरकार से भी की है. इन अभ्यर्थी में से एक हैं, लखनऊ के पवन कश्यप और राहुल त्रिवेदी, जिन्होंने अन्य छात्रों की तरह 11 फरवरी को लखनऊ ही यह परीक्षा दी थी. पवन का कहना है कि जैसे ही वे अपनी पहली शिफ्ट की परीक्षा देकर बाहर निकले तो उनके मोबाइल पर कैमस्कैनर के जरिए स्कैन किया हुआ एक पीडीएफ पहुंचता है. जिसमें पहली शिफ्ट के GS के साथ-साथ हिंदी का भी पेपर था जो दोपहर ढाई बजे से होना था.

असली पेपर से मैच कर रहा था सोशल मीडिया पर वायरल पेपर
वायरल हुई पीडीएफ फाइल और परीक्षा में दिए गए प्रश्न पत्र का मिलान करने पर पता चला कि जीएस के पूछे गए 140 सवाल हुबहू एक जैसे थे. दूसरी पाली में हिंदी के पूछे गए 60 सवाल भी वही थे बस उनकी नंबरिंग अलग थी. इनका कहना था कि जिस पीडीएफ फाइल में पेपर लीक हुआ है उसको कैमस्कैनर से फोटो खींचने के बाद पीडीएफ बनाया गया है. कैमस्कैनर में तारीख और वक्त नीचे लिखा आता है. पेपर की पीडीएफ में तारीख 10 फरवरी 2024 साफ दिखाई दे रही थी और टाइम भी दोपहर के 1:00 बजे का लिखा हुआ था. पवन और राहुल के दावों के अनुसार तो आरओ का पेपर लीक 11 फरवरी की परीक्षा से पहले 10 फरवरी को ही दिन में 1 बजे लीक हो गया था.
उम्मीदवार ने दिखाए पेपर लीक के सबूत
इतना ही नहीं राहुल त्रिवेदी ने एक मोबाइल के स्क्रीनशॉट और एक फोटो भी दिखाए हैं, जिसमें मोबाइल पर समय दोपहर के 12 बजकर 14 मिनट का साफ दिखाई दे रहा है, लेकिन भेजे गए मैसेज का समय सुबह 8 बजकर 24 मिनट शो हो रहा है. इस फोटो में तारीख 11 फरवरी की ही है. राहुल त्रिवेदी और पवन कश्यप का कहना है कि आंसर की भी लीक की गई थी. राहुल और पवन के पास वो सबूत हैं, जो हजारों बच्चों के मोबाइल पर मौजूद हैं और जिसको देखने के बाद यह बच्चे प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक हंगामा कर रहे हैं. उम्मीदवारों की मांग है कि पूरी परीक्षा की शुचिता भंग हो चुकी है, परीक्षा रद्द की जाए. इन अभ्यर्थियों का कहना है कि हमने अपने सभी सबूत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश कार्मिक विभाग के द्वारा जारी की गई मेल आईडी पर भी भेज दिए हैं, लेकिन मांग परीक्षा रद्द करने की ही है.