
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना में कई परिवारों के चिराग सिस्टम की खराबी ने बुझा दिए हैं, तो वहीं राजधानी लखनऊ में भी हालात बहुत अलग नहीं हैं. ओल्ड राजेंद्र नगर की तर्ज पर लखनऊ के नवल किशोर रोड पर स्थित असंख्य अवैध कोचिंग और पीजी स्थापित हैं जहां हर दिन मासूम बच्चों की जान दांव पर लगी रहती है. इस घटना से चेती यूपी सरकार ने भी अब बने हुए या निर्माणाधीन बेसमेंट की जांच करने के आदेश दे दिए हैं. आज तक ने नवल किशोर रोड पहुंचकर पड़ताल की तो पाया चाहे कोचिंग हों या पीजी सभी अवैध तरीके से धड़ल्ले से चल रहे हैं.
बेसमेंट में चल रही NEET कोचिंग
सबसे पहले आपको लेकर चलते हैं एक बेसमेंट में बनी neet कोचिंग में, जहां आकर आपको ऐसा लगेगा कैसे किसी खंडहर में आ गए हों. इतना ही नहीं इस कोचिंग के अंदर आने के रास्ते में ही एक लटकता हुआ बिजली का तार है जो बारिश के महीने में बच्चों के लिए मौत की दावत से कम नहीं है. यहां बेसमेंट में कोचिंग चल रही है और बाहर जाने का केवल एक ही एग्जिट है और अंदर घुटन जैसा माहौल है. अगर बिजली चली जाए तो सांस फूल जाएगी. वहीं, यहां जो सीढ़ियों बनी हैं वह इतनी पतली है की एक बार केवल दो बचे ऊपर या नीचे आ सकते हैं, यानी कभी अगर आग लगी या पानी भरा तो भगदड़ में भी जान जाने का खतरा है.
संकरी गलियों में बने हैं कोचिंंग सेंटर्स
थोड़ा और आगे बढ़ने पर एक पतली से गली है, जो महज 10m की चौड़ाई की है, जहां एक कार भी नही जा सकती और इसी गलियों के मकड़जाल के बीच बनी है तमाम कोचिंग और फिर पीजी हॉस्टल. इस गली में बनी कोचिंग या पीजी में अगर आग लग जाए तो एक फायर टेंडर भी अंदर नहीं आ सकता.

थोड़ा आगे बढ़ने पर पीजी हैं जिनके हालात और भी खस्ताहाल है. यहां सीलन दीमक गंदगी क्या नहीं है. बच्चे कहते हैं कि यहां हालात बहुत खराब हैं, जीना मुश्किल है. कमरों के बाहर तक तार लटके हुए हैं. बारिश में करंट न लगे इसलिए सस्ता जुगाड के नाम पर गत्ता लगाया हुआ है, एक गत्ता बच्चों की सुरक्षा का मानक बना हुआ है. यह हैं यहां के सूरत ए हाल, कि अगर आप यहां चलें तो आपके सिर से गले से कंधे से खतरनाक बिजली के तार टकरा जाएंगे और ऊपर से सीवर और एसी से टपकता हुआ पानी है. लड़कियों के हॉस्टल के बाहर तो आलू और प्याज की बोरियां रखी हुई हैं.

इसके बाद इन्ही गलियों में आगे बढ़ने पर एक और गली आती है जो रास्ता है पीजी और कोचिंग का, जहां केवल गंदा पानी भरा है जिसमे ऊपर खतरनाक मच्छर तैर रहे हैं। गंदे पानी के ऊपर कुछ ईंटें रखे हुए हैं जिससे बच्चे स्टंट करते हुए अपने कोचिंग और पीजी के लिए रवाना होते हैं, इन्ही ईंटों पर चलते हुए रिपोर्ट।
थोड़ा और आगे बढ़ने पर कॉमर्शियल बिल्डिंग बनी हैं जहां कपड़े की दुकानें भी हैं और शिक्षा की दुकान भी और जिन रास्तों से होते हुए ये छात्र जाते हैं, वहां सिर्फ थूक और गंदगी है. एक कोचिंग का बड़ा-सा बैनर लगा है, उसी के पीछे गंदगी का अड्डा बना है जबकि वहीं पर लिखा है 'थूकना और गंदगी करना मना है'.
इसी बिल्डिंग में एक अवैध लिफ्ट भी लगी है जिसकी जांच सालों से नही हुई होगी, उसी के जरिए ऊपर कोचिंग सेंटर पहुंचते हैं वहां भी केवल खतरनाक तारों का जंजाल और जान हथेली पर. इसके बाद एक और कोचिंग बेसमेंट में मिलती है. हालांकि, उनका दावा है कि उनके पास कागज हैं, लेकिन बेसमेंट में कोचिंग चला सकते हैं या नहीं इसका जवाब नहीं है.