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New Parliament: बन गई वो डिजिटल बुक, जिसमें है नया संसद भवन बनाने वाले सभी 60 हजार श्रमिकों का रिकॉर्ड

नए संसद भवन को तैयार करने वाले करीब 60 श्रमिकों की डिटेल्स की एक डिजिटल बुक तैयार की गई है. इस डिजिटल बुक में उनकी पर्सनल डिटेल्स, उनके नाम, उन स्थानों के नाम, जहां वे हैं और उनकी तस्वीरें शामिल हैं.

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नया संसद भवन (फोटो: PTI)
नया संसद भवन (फोटो: PTI)

New Parliament: भारत के नए संसद (New Parliament Building) में आज (19 सितंबर 2023) से संसदीय कार्यवाही का शंखनाद हो चुका है. पांच दिवसीय संसद का विशेष सत्र का दूसरा दिन नए संसद भवन में शिफ्ट किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी. नए संसद भवन की बिल्डिंग को डिजाइन आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने किया था. पीएम मोदी ने 28 मई को इसका उद्घाटन किया था. अब पीएम मोदी इस सभी 60 हजार श्रमिकों को सम्मानित करने वाले हैं, जिनकी मदद से इस बिल्डिंग को रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. साथ ही सभी श्रमिकों की डिटेल्स की एक डिजिटल बुक भी तैयार की गई. 

श्रमिकों की डिजिटल बुक में क्या है?
नए संसद भवन को तैयार करने वाले करीब 60 श्रमिकों की डिटेल्स की एक डिजिटल बुक तैयार की गई है. इस डिजिटल बुक में उनकी पर्सनल डिटेल्स, उनके नाम, उन स्थानों के नाम, जहां वे हैं और उनकी तस्वीरें शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस डिजिटल आर्काइव के जरिये चल रही परियोजना में उनके योगदान को मान्यता मिलेगी. पीएम ने निर्देश दिया, 'सभी श्रमिकों को उनकी भूमिका और प्रयास में भागीदारी के बारे में एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा.'

रविवार को साइट के निर्माण कार्य के निरीक्षण के बाद पीएम ने निर्देश दिया था कि, 'सभी श्रमिकों को उनकी भूमिका और प्रयास में भागीदारी के बारे में एक प्रमाण पत्र भी दिया जाना चाहिए. उन्होंने परियोजना को समय पर पूरा करने पर भी जोर दिया और साइट पर श्रमिकों से बातचीत की. उन्होंने कहा, वे एक 'पवित्र और ऐतिहासिक कार्य' में लगे हुए थे.

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वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का निर्माण करने वाले 60,000 श्रमिकों का सम्मान और अभिनंदन करेंगे. उन्होंने कहा, 'लगभग 60,000 श्रम योगियों ने इस संसद भवन के रिकॉर्ड-समय के निर्माण में योगदान दिया है. यह न सिर्फ नया संसद भवन पीएम की दूरदर्शिता का प्रमाण है, बल्कि एक मूलभूत कार्यक्रम है जो भारत में अमृत काल का प्रतीक होगा.'

इससे पहले पीएम ने कहा था 'संसद भवन के इस प्रोजेक्ट में करीब 60,000 मजदूरों को रोजगार मिला है. इस भवन को बनाने में उन्होंने पसीना बहाया है. मुझे खुशी है कि नए भवन में एक डिजिटल गैलरी बनाई गई है. दुनिया में यह शायद अपनी तरह का पहला काम है. अब, संसद भवन के निर्माण में उनका योगदान अमर हो गया है.' इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी कोविड-19 महामारी के बावजूद ढाई साल से कम समय में परियोजना को पूरा करने में निर्माण श्रमिकों के योगदान की सराहना की थी.

कौन हैं आर्किटेक्ट बिमल पटेल?
नए संसद भवन की बिल्डिंग को  आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने डिजाइन किया है और कंस्ट्रक्शन टाटा प्रोजेक्ट ने किया है. बिमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद शहर से आते हैं. वो इससे पहले भी कई मशहूर इमारतों को डिजाइन कर चुके हैं. बिमल पटेल का जन्म 31 अगस्त 1961 को गुजरात में हुआ था. वो करीब 35 साल से आर्किटेक्चर, अर्बन डिजाइन और अर्बन प्लानिंग से जुड़े काम में लगे हैं. इसके अलावा पटेल अहमदाबाद स्थित CEPT यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट भी हैं. साथ ही वो आर्किटेक्चर, प्लानिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट फर्म HCP डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को भी लीड करते हैं. 

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बिमल पटेल ने अहमदाबाद सेंट जेवियर हाई स्कूल से पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने सेंटर फॉर एन्वायर्मेंट प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से आर्किटेक्ट की पढ़ाई की. 1984 में CEPT से आर्किटेक्चर में अपनी पहली प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने के बाद पटेल बर्कले चले गए. वहां उन्होंने कॉलेज ऑफ एन्वायर्मेंटल डिजाइन से पढ़ाई की. 1995 में उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की. 2019 में आर्किटेक्चर और प्लानिंग में असाधारण काम करने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.

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