नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) और मेटा ने छात्रों को एग्जाम प्रेशर से निपटने के लिए एक राष्ट्रव्यापी पहल शुरू की है. एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने परीक्षा के दौरान बच्चों के सामने आने वाले प्रेशर के बारे में बात करते हुए इस प्रॉब्लम को डील करने में मेटा के समर्थन की प्रशंसा की.
प्रधानमंत्री की परीक्षा पे चर्चा पहल के साथ जुड़े इस कार्यक्रम का उद्देश्य परीक्षा के तनाव के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाना है. मेटा में सार्वजनिक नीति की प्रमुख नताशा जोग ने छात्र कल्याण के लिए मेटा की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और बताया कि परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए एनसीपीसीआर के साथ उनसे साझेदारी की है. बता दें कि परीक्षा को लेकर छात्रों की तैयारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में स्टूडेंट्स को तैयारी से जुड़े सुझाव दिए थे.
इससे प्रेरित होकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) बोर्ड परीक्षार्थियों के तनाव दूर करने के लिए परीक्षा पर्व (Pariksha Parv) कार्यक्रम का आयोजन भी कर रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को परीक्षा से संबंधित तनाव पर काबू पाने में सहायता करना है एनसीपीसीआर के परीक्षा पर्व के छठे संस्करण में (NCPCR) सोशल मीडिया और दूरदर्शन के माध्यम से छात्रों को प्रसिद्ध विशेषज्ञों, मनोवैज्ञानिकों और मोटिवेशनल स्पीकर का लाइव स्ट्रीमिंग सेशन उपलब्ध करवाया जाएगा. इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा.
स्टूडेंट अपलोड कर सकते हैं वीडियो संदेश
एग्जाम वॉरियर्स विषय पर छात्रों से छोटे आडियो-वीडियो संदेश एनसीपीसीआर की वेबसाइट के माध्यम से आमंत्रित किए जाएंगे. वेबसाइट पर वीडियो अपलोड करने का लिंक छठी से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए एक फरवरी से शुरू हो चुका है जो 20 फरवरी तक लाइव रहेगा, जिंसमें 60 सेकंड के आडियो-वीडियो संदेश अपलोड किए जा सकेंगे. स्कूल के शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि वीडियो माता-पिता की सहमति से अपलोड किए जाएं. संदेश में विद्यार्थी परीक्षा के दौरान अपना अनुभव और दिनचर्या के बारे में बात कर सकते हैं.