महाराष्ट्र सरकार हर साल 51 छात्रों को नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की यात्रा करवाएगी. इसके अलावा 51 छात्रों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुख्यालय ले जाया जाएगा. नासा अमेरिका की एक सरकारी एजेंसी है जो अंतरिक्ष अन्वेषण, पृथ्वी और अंतरिक्ष विज्ञान, वैमानिकी अनुसंधान और नई तकनीकें विकसित करने का काम करती है. इसी तरह भारत में इसरो है.
प्रस्ताव के अनुसार, तहसील स्तर की प्रतियोगिताओं में टॉप 21 परियोजनाओं वाले छात्रों को विज्ञान केंद्र का दौरा कराया जाएगा. जिला स्तर की प्रतियोगिताओं में शीर्ष 51 परियोजनाओं वाले छात्रों को बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मुख्यालय की यात्रा कराई जाएगी, जबकि 51 राज्य स्तरीय फाइनलिस्ट को 'मुख्यमंत्री विद्यार्थी विज्ञान वेरी' योजना के तहत नासा ले जाया जाएगा.
जो छात्र पुरुस्कार नहीं जीत पाए वे जाएंगे नासा
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में भोयर ने कहा, "स्कूल शिक्षा विभाग तहसील, ज़िला और राज्य स्तर पर विज्ञान परियोजना प्रतियोगिताएं आयोजित करता है. हम विजेताओं को पुरस्कार देते हैं, लेकिन जो छात्र नहीं जीत पाते वे भी कड़ी मेहनत करते हैं. हम उन्हें भी सम्मानित करना चाहते हैं, और इसीलिए यह योजना बनाई गई है."
नासा ले जाने में खर्च होंगे 3 करोड़
स्कूल शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जिला योजना एवं विकास परिषद (DPDC) के बजट से तहसील और जिला स्तरीय दौरे का खर्च निकाला जाएगा. लेकिन नासा यात्रा के लिए राज्य स्तर पर मंजूरी की आवश्यकता होगी क्योंकि इसकी कुल लागत 3 करोड़ रुपये है. योजना अभी भी अंतिम मंजूरी का इंतजार कर रही है, हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे जून 2025 में मंजूरी दे दी थी. अधिकारी ने कहा, "हम जल्द ही धनराशि मंजूर होने का इंतजार कर रहे हैं."
भोयर ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य छात्रों को विज्ञान में अपनी रुचि बनाए रखने के लिए प्रेरित करना है., उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि वे एक परियोजना से आगे बढ़कर वैज्ञानिक अनुसंधान में आगे बढ़ें. इससे पूरे महाराष्ट्र के छात्रों को विज्ञान केंद्रों का दौरा करने और भविष्य के लिए बड़े विचारों पर विचार करने का अवसर मिलेगा." हाल ही में, सरकार ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के विजेता के लिए पुरस्कार राशि भी ₹5,000 से बढ़ाकर ₹51,000 कर दी है.