महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए स्कूली शिक्षा में बदलाव का ऐलान किया है. अब राज्य के सभी स्कूलों में पहली कक्षा से ही छात्रों को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह घोषणा महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने सोमवार को की.
रिटायर्ड सैन्यकर्मी देंगे ट्रेनिंग
महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने घोषणा की कि महाराष्ट्र में पहली कक्षा से ही स्कूली छात्रों को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य कम उम्र से ही बच्चों में देशभक्ति, अनुशासन और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देना है. शिक्षा मंत्री के अनुसार, सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी छात्रों को ट्रेनिंग देने का जिम्मा संभालेंगे, साथ ही स्कूल के खेल शिक्षक, एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) के अधिकारी और स्काउट्स एंड गाइड्स इकाइयों का सहयोग भी लेंगे. उन्होंने कहा, "यह निर्णय देश के प्रति प्रेम पैदा करने और शारीरिक व्यायाम और अनुशासित जीवन जैसी दैनिक आदतों को प्रोत्साहित करने के लिए लिया गया है, जिससे छात्रों को लंबे समय में बहुत लाभ होगा."
इस प्रस्ताव को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी समर्थन मिला है. इसके लिए, सरकार राज्य भर में 2.5 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों को शामिल करने की योजना बना रही है. यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. हाल ही में 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला और 7 मई को भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई ('ऑपरेशन सिंदूर') राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताओं को उजागर करती है.
7 मई को ‘ऑपरेशन अभ्यास’ और 31 मई को ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत देश के कई सीमावर्ती राज्यों में मॉक ड्रिल (अभ्यास) किए गए. इन अभ्यासों का मकसद नागरिकों और अधिकारियों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना था.