scorecardresearch
 

Badal Khan Suri Case: US में भारतीय छात्र का हमास से कनेक्शन का आरोप, कोर्ट ने डिपोर्ट करने पर लगाई रोक

बादल खान सूरी के वकील ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका उन्हें अमेरिकी विदेश नीति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाने के बाद उन्हें वापस भेजना चाहता था. वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में अमेरिकी जिला न्यायाधीश पेट्रीसिया जाइल्स द्वारा तीन पैराग्राफ के आदेश के अनुसार, यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि अदालत इसे हटा नहीं देती.

Advertisement
X
Indian Origin Student in US, Badal Khan Suri
Indian Origin Student in US, Badal Khan Suri

अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में रिसर्चर के तौर पर काम कर रहे भारतीय छात्र को 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि बादल खान सूरी ने अमेरिकी विदेश नीति का विरोध किया है और उसका फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास से संबंध है. इसे लेकर उनके डिपोर्टेशन की तैयारियां भी चल रही थी, लेकिन अब अमेरिकी कोर्ट ने इस डिपोर्टेशन पर रोक लगा दी.

अगला फैसला आने तक डिपोर्टेशन पर लगी रोक

बादल खान सूरी के वकील ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका उन्हें अमेरिकी विदेश नीति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाने के बाद उन्हें वापस भेजना चाहता था. वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में अमेरिकी जिला न्यायाधीश पेट्रीसिया जाइल्स द्वारा तीन पैराग्राफ के आदेश के अनुसार, यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि अदालत इसे हटा नहीं देती.

सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावना फैलाने का आरोप

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने बदर खान सूरी पर फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास से संबंध रखने का आरोप लगाया है और कहा है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर हमास का दुष्प्रचार और यहूदी विरोधी भावना फैलाई है. डीएचएस के अनुसार, 15 मार्च को विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि सूरी को इन गतिविधियों के लिए निर्वासित किया जा सकता है.

Advertisement

स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका में रह रहा है भारतीय छात्र

बता दें कि सूरीअमेरिका में स्टूडेंट वीजा पर रह रहे हैं और उनकी शादी एक अमेरिकी नागरिक से हुई है. उनके वकील के अनुसार उन्हें अलेक्जेंड्रिया, लुइसियाना में हिरासत में लिया गया है. उनके वकील ने कहा कि वे इमिग्रेशन कोर्ट में कोर्ट की तारीख का इंतजार कर रहे हैं.संघीय एजेंटों ने उन्हें सोमवार रात वर्जीनिया के रॉसलिन में उनके घर के बाहर से गिरफ्तार किया था.

Reuters के अनुसार, यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उन विदेशियों को निर्वासित करने का अभियान चला रहे हैं जिन्होंने अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद गाजा में अमेरिकी सहयोगी इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीनी समर्थक विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया था. ट्रंप प्रशासन की यह कार्रवाई नागरिक अधिकारों और अप्रवासी वकालत समूहों के विरोध का कारण बनी है. इन समूहों का आरोप है कि ट्रंप प्रशासन अपने राजनीतिक विरोधियों को गलत तरीके से निशाना बना रहा है.

---- समाप्त ----
Input: Desk/US Media
Live TV

Advertisement
Advertisement