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कैसे बनते हैं मिनिस्टर्स के PA, OSD... जो हमेशा रहते हैं मंत्रियों के साथ!

मंत्रियों के साथ काम करने वाले PA (पर्सनल असिस्टेंट) और OSD (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बेहद महत्वपूर्ण पद होते हैं. PA मंत्री का शेड्यूल, मीटिंग, फाइलें और दफ्तर का रोजमर्रा का काम संभालता है, जबकि OSD नीतिगत सलाह, प्रशासनिक तालमेल, मीडिया और रणनीति का काम देखता है.

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इन पदों में भरोसा, अनुभव, प्रशासनिक समझ और गोपनीयता सबसे बड़ी योग्यताएं मानी जाती हैं. ( Photo: PTI )
इन पदों में भरोसा, अनुभव, प्रशासनिक समझ और गोपनीयता सबसे बड़ी योग्यताएं मानी जाती हैं. ( Photo: PTI )

अक्सर आपने गौर किया होगा कि मंत्रियों के साथ-साथ एक PA या OSD रहते हैं. किसी भी मंत्री चाहे वह केंद्र सरकार का हो या राज्य सरकार के साथ काम करने वाली दो बहुत महत्वपूर्ण भूमिकाएं होती हैं. पहला PA (पर्सनल असिस्टेंट) और दूसरा OSD (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी). अक्सर लोग जानना चाहते हैं कि ये लोग कैसे चुने जाते हैं और इन पदों पर नौकरी कैसे मिलती है. पर्सनल असिस्टेंट मंत्री या वीआईपी का सबसे करीब काम करने वाला व्यक्ति होता है..

PA का क्या काम होता है?
PA का काम मंत्री का शेड्यूल मैनेज करना, मीटिंग्स, फोन कॉल, फाइल मूवमेंट संभालना, विभाग से आने वाले पत्र, शिकायतें, फाइलें मंत्री तक पहुंचाना. इसके अलावा दिनभर की गतिविधियों का रिकॉर्ड रखना और मंत्री के सचिवालय और दफ्तर को सुचारू चलाना होता है. 

PA कैसे बनते हैं?

1. मंत्री की पर्सनल पसंद 
भरोसे का व्यक्ति, अधिकतर मामलों में PA वही व्यक्ति होता है, जो मंत्री का पुराना भरोसेमंद साथी हो, राजनीतिक कार्यकर्ता हो, चुनाव क्षेत्र में मंत्री के साथ काम करता रहा हो, मजबूत नेटवर्क रखता हो, ऐसा PA सीधी नियुक्ति से आता है.

2: विभाग से डेप्युटेशन
कई PAs सरकारी कर्मचारी भी होते हैं, जैसे:स्टेनो,पर्सनल असिस्टेंट ग्रेड-II / ग्रेड-I,सचिवालय कर्मचारी. इनको विभाग से मंत्री के दफ्तर में डेप्युटेशन (प्रतिनियुक्ति) पर भेजा जाता है.

क्या होती है योग्यता

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  • स्नातक (ग्रेजुएट)
  • टाइपिंग/स्टेनो 
  • प्रशासनिक समझ
  • भरोसेमंद और गोपनीयता बनाए रखने की क्षमता

2. OSD (Officer on Special Duty) कौन होता है?

OSD मंत्री का नीतिगत सलाहकार, रणनीतिक मैनेजर और विशेष कार्य अधिकारी होता है.यह पद PA से ज्यादा सीनियर और प्रभावशाली माना जाता है.

OSD का काम क्या होता है?
OSD के कई काम होते हैं. जैसे-मंत्री को नीतियों, योजनाओं पर सलाह देना, विभाग के प्रमुख अधिकारियों से तालमेल, मीडिया, सोशल मीडिया और जनसंपर्क की रणनीति बनाना,मंत्री के लिए भाषण, नोट्स, रिपोर्ट तैयार करना, महत्वपूर्ण निर्णयों में इनपुट देना, चुनाव क्षेत्र का मैनेजमेंट देखना.

OSD कैसे बनते हैं?
तरीका 1: IAS/IPS/PCS अधिकारी डेप्युटेशन पर. कई OSD पहले से सरकारी अधिकारी होते हैं:

IAS
IPS
IRS
PCS

अन्य ग्रुप A या B अधिकारी

ये मंत्री के ऑफिस में डेप्युटेशन पर आते हैं.

तरीका 2: विशेषज्ञ / प्रोफेशनल, कुछ OSD विशेषज्ञ होते हैं. जैसे-

  • मीडिया एक्सपर्ट
  • सोशल मीडिया विशेषज्ञ
  • अर्थशास्त्री
  • लॉ (कानून) विशेषज्ञ
  • पॉलिसी एनालिस्ट
  • टेक्नोलॉजी या डेटा विशेषज्ञ

मंत्री उनकी विशेषज्ञता के आधार पर उन्हें OSD बनाते हैं.

तरीका 3: मंत्री का भरोसेमंद व्यक्ति / राजनीतिक रणनीतिकार

कई बार OSD वही बनता है, जो मंत्री की राजनीतिक टीम में लंबे समय से रहा हो, चुनाव प्रबंधन संभालता हो, मंत्री के काम में विशेष भूमिका निभाता हो, मंत्री को व्यक्तिगत रूप से जानता हो.

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  • OSD बनने की योग्यता
  • ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन
  • पॉलिसी, प्रशासन, कानून या पब्लिक रिलेशन की समझ
  • मजबूत कम्युनिकेशन स्किल
  • भरोसेमंद और गोपनीयता बनाए रखने की क्षमता

इन पदों पर नौकरी कैसे मिलती है?
इन पदों के लिए सीधी सरकारी भर्ती नहीं होती.
नियुक्ति मुख्य रूप से 3 तरीकों से होती है:

1. मंत्री की सिफारिश/चयन- भरोसे और क्षमता के आधार पर सीधी नियुक्ति.

2. विभाग से डेप्युटेशन- अगर आप स्टेनो, PA ग्रेड-II, IAS/IPS अधिकारी,सचिवालय कर्मचारी हैं तो डेप्युटेशन के जरिए OSD/PA बन सकते हैं.

3. प्रोफेशनल विशेषज्ञता

यदि आपकी विशेषज्ञता किसी खास क्षेत्र में है, जैसे—

  • मीडिया
  • पॉलिसी
  • डेटा
  • कानून
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