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कक्षा 1 से 8 तक के स्‍टूडेंट्स की प्री-मैट्रिक स्‍कॉलरशिप बंद, केंद्र सरकार का नोटिस जारी

Pre Matric Scholarship: पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के बच्‍चों के लिए केंद्र सरकार ने अपनी प्री-मैट्रिक स्‍कॉलरशिप योजना को कक्षा 9 और कक्षा 10 के छात्रों तक सीमित कर दिया है. कक्षा 1 से आठवीं तक के स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप बंद करने के मामले पर सियासी प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई हैं.

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Pre Matric Scholarship
Pre Matric Scholarship

Pre Matric Scholarship: केन्‍द्र सरकार ने अब पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के बच्‍चों के लिए अपनी प्री-मैट्रिक स्‍कॉलरशिप योजना को कक्षा 9 और कक्षा 10 के छात्रों तक सीमित कर दिया है. इससे पहले तक प्री-मैट्रिक स्‍कॉलरशिप अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित कक्षा 1 से 8 तक के बच्‍चों की शिक्षा को कवर करती थी. सरकार का कहना है कि शिक्षा का अधिकार सभी बच्‍चों के लिए कक्षा 8वीं तक अनिवार्य शिक्षा को कवर करता है.

सरकार ने एक नोटिस में अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2009 प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8) प्रदान करना सरकार के लिए अनिवार्य बनाता है. ऐसे में, केवल कक्षा 9 और 10 में पढ़ने वाले छात्रों को ही सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कवर किया जाएगा. 

संस्थान के नोडल अधिकारी (INO)/जिला नोडल अधिकारी (DNO)/राज्य नोडल अधिकारी (SNO) को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत केवल कक्षा 9 और 10 के लिए आवेदनों को सत्यापित करने के लिए कहा गया है.

इस फैसले पर राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'दशकों से SC/ST पृष्ठभूमि के बच्चों को कक्षा 1 से 8 तक छात्रवृत्ति मिल रही है, लेकिन सरकार ने 2022-23 से छात्रवृत्ति बंद कर दी है, जो गरीबों के खिलाफ एक 'साजिश' है.' वहीं, बसपा नेता कुंवर दानिश अली ने दावा किया कि सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर रोक लगाकर इन गरीब बच्चों को शिक्षा से दूर रखने का नया तरीका निकाला है.

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