इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कलकत्ता (IIM Kolkata) की पहली महिला निदेशक अंजू सेठ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा होने के एक साल पहले ही अपना इस्तीफा सरकार को सौंप दिया है. उनका इस्तीफा उनके सिक लीव लेने के दो दिन के भीतर ही आ गया था और एक महीने बाद संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (BoG) ने उनके पावर्स खत्म कर दिए.
यह मामला पिछले साल शुरू हुआ था, जब अंजू सेठ और बोर्ड दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू किए थे. अंजू सेठ ने अध्यक्ष श्रीकृष्ण कुलकर्णी पर एग्जीक्यूटिव पावर्स पर कंट्रोल का आरोप लगाया था. अंजू सेठ ने चेयरमैन श्रीकृष्णा कुलकर्णी पर अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करने की बात भी कही थी, साथ ही उनके काम में दखलअंदाजी करने की शिकायत की थी.
और वहीं बोर्ड ने सेठ पर अनुचित आचरण का आरोप लगाया था. दिसंबर में, आईआईएम-कलकत्ता संकाय के एक वर्ग ने शिक्षा मंत्रालय को भी एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सेठ के पास केंद्रीकृत शक्तियां थीं और बोर्ड की निर्णय लेने वाली भूमिका का उन्होंने उल्लंघन किया था.
बता दें कि अंजू सेठ नवंबर 2018 में आईआईएम-कलकत्ता की पहली महिला प्रमुख के रूप में नियुक्त की गई थीं. उन्होंने लीव लेने के साथ ही प्रशांत मिश्रा, डीन को आईआईएम कलकत्ता के कार्यवाहक निदेशक की जिम्मेदारी दी थी. फरवरी 2022 में सेठ का कार्यकाल समाप्त होने वाला था, वो IIM-Calcutta 1978 बैच की एलुमनी यानी पूर्व छात्र भी रही हैं.