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CBSE ने अपनाया नर्सरी से क्लास-2 तक नया करीकुलम फ्रेमवर्क, जानिए- इससे क्या बदलेगा

एक ऑफिश‍ियल नोट‍िस में सीबीएसई ने कहा कि न्यू करीकुलम फ्रेमवर्क 2022 को एनसीईआरटी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के शासनादेश के अनुसार विकसित किया गया है. जानिए- इससे पढ़ाई के स्तर पर क्या बदलाव होगा.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने घोषणा की है कि अगले शैक्षणिक सत्र 2023-24 से फाउंडेशन स्टेज- 2022 स्तर पर नेशनल करीकुलम फ्रेमवर्क को अपनाने जा रहा है. एक आधिकारिक नोटिफिकेशन में सीबीएसई ने कहा कि NCFFS 2022 को NCERT ने न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत तैयार किया है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इस नये नेशनल करीकुलम फ्रेमवर्क का उल्लेख्य किया गया है. इससे बच्चों में नई दक्षताओं में निपुण करने के साथ साथ उन्हें एक विजन और लर्निंग का नया तरीका प्रदान करने योग्य बनाना है. यह विद्यालयों और शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक लक्ष्यों के अनुरूप पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री को डिजाइन और विकसित करने के लिए एक दिशानिर्देश के रूप में कार्य करता है. 

सीबीएसई ने यह भी कहा कि नए ढांचे के तहत नर्सरी से कक्षा दो तक पांच साल की शिक्षा 3-8 साल के एज ग्रुप वाले बच्चों को दी जाएगी. इसकी पूरी नई संरचना सत्र 2023-24 में उन स्कूलों में शुरू की जाएगी, जो छात्रों को बेसिक स्तर पर शिक्षा प्रदान करते हैं. 

नोटिस  में कहा गया है कि NCFFS में ऐसे कई उदाहरण और दृष्टांत शामिल हैं जो इसके इंप्लीमेंटेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसमें बच्चों को नये और रचनात्मक कॉन्सेप्ट समझने के काबिल बनाने का प्रयास होगा. इस तरह के अभ्यास श‍िक्षकों के लिए नये विचारों को अध‍िक सुलभ बनाने में मदद करते हैं. 

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इसमें तमाम उदाहरणों को उपयुक्त रूप से शामिल किया गया है ताकि बच्चों में समझ को विकसित किया जा सके, उन्हें पढ़ाई से लगाव हो, श‍िक्षा का सही अर्थ समझें. इसके अलावा ये विस्तृत ठोस तरीके और अवधारणाएं दिन-प्रतिदिन के शिक्षण में लागू की जा सके. इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि शिक्षक बच्चों की जरूरतों को समझें कि उन्हें क्या पढ़ाना है, उसे प्रासंगिक बनाएं ताकि बच्चा पढ़ाई में रुचि के साथ हिस्सा ले, साथ ही उस पर कोई बोझ न बने.

 

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