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CBSE ने 10वीं और 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए जारी किए दिशा-निर्देश, स्कूलों को पालन करना जरूरी

सीबीएसई बोर्ड 10वीं और कक्षा 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा की तारीखों की घोषणा पहले ही कर दी है. अब बोर्ड की तरफ से परीक्षा को लेकर गाइडलाइंस जारी हुई है. भारत और विदेश में सभी सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों के लिए 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए प्रैक्टिकल परीक्षा, प्रोजेक्ट वर्क और आंतरिक मूल्यांकन 1 जनवरी, 2025 से आयोजित किया जाएगा.

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CBSE Guidelines for Practical Exams
CBSE Guidelines for Practical Exams

सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) बोर्ड ने कक्षा 10 और 12 की प्रैक्टिकल परीक्षाओं, प्रोजेक्ट और इंटरनल असिसमेंट के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए लागू होंगे. बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है, ताकि परिणामों की सही और समय पर घोषणा की जा सके.

पिछले वर्षों में परिणाम घोषित होने के बाद स्कूलों से परिणामों में बदलाव की कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसके कारण बोर्ड ने इस बार किसी भी प्रकार के बदलाव की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है. बोर्ड ने यह भी कहा है कि निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है, और यदि किसी भी परिस्थिति में प्रक्रिया में कोई बदलाव किया जाता है तो उसे मंजूरी नहीं दी जाएगी.

मार्क्स 15 फरवरी 2025 से पहले अपलोड करने होंगे

मार्क्स अपलोड करने की आखिरी तारीख 1 जनवरी 2025 से 14 फरवरी 2025 के बीच तय की गई है. इन तारीखों तक सभी प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट के अंक अपलोड करने होंगे. यह स्कूल, आंतरिक परीक्षक और बाहरी परीक्षक की जिम्मेदारी होगी कि वे सही अंक अपलोड करें, जो सीबीएसई द्वारा निर्धारित अधिकतम अंकों के अनुसार हों. इसके अलावा, अंक अपलोड करते समय एक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया भी होगी, जिसमें दोनों परीक्षकों को डेटा दोबारा चेक करना होगा.

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प्रैक्टिकल अंकों की गोपनीयता का ध्यान रखा जाए

प्रैक्टिकल अंकों की गोपनीयता भी बोर्ड की वार्षिक परीक्षा के अंकों की तरह महत्वपूर्ण होगी, इसलिए इन्हें छात्रों या किसी अन्य से साझा नहीं किया जा सकता. सीबीएसई बाहरी परीक्षकों को नियुक्त करेगा जो मूल्यांकन की निगरानी करेंगे, और यह अनिवार्य होगा कि मूल्यांकन बाहरी परीक्षकों द्वारा ही किया जाए. स्कूलों को बाहरी परीक्षकों की नियुक्ति का अधिकार नहीं होगा.

बाहरी परीक्षकों की नियुक्ति के बाद बैचों का गठन किया जाए

लॉजिस्टिक दृष्टिकोण से, स्कूलों को प्रत्येक विषय के लिए 30 छात्रों के बैचों का गठन करना होगा ताकि प्रबंधन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके। यह संगठन तभी किया जाए जब बाहरी परीक्षकों की उपलब्धता की पुष्टि हो जाए। मूल्यांकन केवल उन्हीं बाहरी परीक्षकों द्वारा किया जाएगा, जिनकी नियुक्ति सीबीएसई द्वारा निर्धारित समय सीमा में की गई है। जो छात्र निर्धारित दिन पर अनुपस्थित होंगे, उनकी मूल्यांकन तिथि को फिर से निर्धारित किया जाएगा और सिस्टम में उसे "पुनर्निर्धारित" के रूप में अंकित किया जाएगा, और अतिरिक्त क्षेत्राधिकार से कोई अपवाद नहीं दिया जाएगा।

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