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'बिक चुके हैं आधे से ज्यादा पद, DSP पोस्ट का रेट 1.5 करोड़....', धरने पर बैठे प्रशांत किशोर का बड़ा दावा

बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा को फिर से कराए जाने की मांग के बीच जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर का बड़ा बयान सामने आया है.

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BPSC PROTEST
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बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की हालिया परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर शुक्रवार को भी कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने पटना सहित राज्य के कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात बाधित किया.  जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर 70 वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर गांधी मैदान में अनशन कर रहे हैं. प्रशासन ने इसे "अवैध" करार देते हुए उन्हें अनशन स्थल को बदलने का आग्रह किया, लेकिन अध्यक्ष ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. किशोर ने कहा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छात्रों की शिकायत सुननी चाहिए, जो भी छात्र तय करेंगे, मैं वही करूंगा.'

1.5 करोड़ रुपये में बेचा जा रहा DSP का पोस्ट
वहीं, जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने अपने एक बयान में कहा कि बीपीएससी परीक्षा (70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स की दोबारा परीक्षा) 15000 छात्रों के लिए हो रही है, लेकिन विरोध करने वालों की संख्या 3.5 लाख है. मुद्दा यह है कि बड़े भ्रष्टाचार के आरोप हैं - आधे से ज्यादा की सीटें बिक चुकी हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप परीक्षा में बैठते हैं - आपको सीट नहीं मिलेगी...डीएसपी का पद 1.5 करोड़ रुपये में बेचा जा रहा है. लोग खुलेआम ऐसा कर रहे हैं सरकार इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है.

दोबारा परीक्षा की तैयारी
13 दिसंबर को आयोजित बीपीएससी की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक के आरोपों के बाद बीपीएससी ने 12,000 छात्रों के लिए 4 जनवरी को फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है जिसके लिए  जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है.

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पप्पू यादव ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
एफआईआर दर्ज होने के बाद पप्पू यादव ने सरकार और बीपीएससी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इस पेपर लीक में बड़े लोगों की मिलीभगत है. उन्होंने किसानों के आंदोलन से प्रेरणा लेने की बात कही और छात्रों से लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान किया. इसके साथ ही, पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर पर भी एक बार फिर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, "प्रशांत किशोर गैंबलर हैं, जो भरपेट खाना खाकर शाम में धरने पर बैठ जाते हैं."  

पप्पू यादव ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर को यह अच्छी तरह पता था कि गांधी मैदान में सरकार और प्रशासन उन्हें धरने पर बैठने नहीं देगा, इसी कारण उन्होंने गर्दनीबाग की बजाय गांधी मैदान में धरने का निर्णय लिया. इसके साथ ही पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर से सवाल किया, "14 दिन तक कहां गायब थे प्रशांत किशोर?" 

छात्रों के प्रदर्शन को राजनीतिक दलों का समर्थन
राज्यभर में वामपंथी दलों ने 6 जनवरी को राज्यव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा की है. इसके अलावा, भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मशाल जुलूस निकाला और छात्रों के समर्थन में अपना विरोध दर्ज कराया. 

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