मेडिकल शिक्षा में एक बार फिर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जयपुर निवासी सचिन गोरा नामक युवक पर आरोप है कि उसने NEET-2020 परीक्षा में अपने ही रिश्तेदार को डमी अभ्यर्थी बनाकर बैठाया, और खुद जोधपुर एम्स में एमबीबीएस में दाखिला पा गया. मामला उजागर होने के बाद जयपुर पुलिस की टीम ने जोधपुर पहुंचकर आरोपी को एम्स के हॉस्टल नंबर 6 से देर रात दस्तयाब किया है.
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, सचिन गोरा ने नीट परीक्षा में खुद के नाम से फॉर्म भरा था, लेकिन उसमें अपनी जगह अपने चचेरे भाई अजीत गोरा की फोटो लगाकर परीक्षा दिलवाई. अजीत ने परीक्षा दी और जब परिणाम आया, तो सचिन के नाम पर 667 अंक आए और उसका चयन एम्स जोधपुर में एमबीबीएस कोर्स के लिए हो गया.
छात्रावास में मचा हंगामा, मेडिकल छात्रों ने किया विरोध
4 जून की रात जब जयपुर पुलिस ने जोधपुर पुलिस के सहयोग से हॉस्टल में दबिश दी, तो एम्स के छात्रों ने भारी विरोध और हंगामा किया. इस बीच शास्त्री नगर और भगत की कोठी थाने से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा. एम्स के प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और पुलिस से बातचीत के बाद माहौल शांत हुआ.
रिश्तेदार ने ही किया पर्दाफाश
इस फर्जीवाड़े का खुलासा सचिन के एक रिश्तेदार ने ही किया. करीब 15 दिन पहले जयपुर के चौमूं थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई, जिसमें साफ तौर पर आरोप लगाया गया कि NEET-2020 में सचिन की जगह अजीत ने परीक्षा दी थी. पुलिस जांच में जब दोनों के स्कोरकार्ड और फोटो का मिलान किया गया तो मामला संदिग्ध पाया गया.
पुलिस जांच में फंसे दोनों भाई
प्रकरण संख्या 118/25 के तहत जांच कर रही जयपुर पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश जैसी धाराओं में केस दर्ज किया है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस पूरे प्रकरण के पीछे कोई बड़ा रैकेट या सॉल्वर गैंग तो सक्रिय नहीं है.
आगे की कार्रवाई के लिए जयपुर रवाना
बासनी थानाधिकारी नितिन दवे ने बताया कि जयपुर के चौमूं एसीपी अशोक चौहान ने आरोपी को दस्तयाब करने के लिए जोद्धपुर पुलिस को मांग पत्र भेजा था. इसके बाद कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया गया और जयपुर पुलिस को सूचित किया गया. फिलहाल जयपुर पुलिस सचिन गोरा को पूछताछ और आगे की कार्रवाई के लिए जयपुर ले गई है.