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क्या आपके टूथपेस्ट में बाल है... अब जल्द ही होंगे, वैज्ञानिकों ने बताया- आखिर ऐसा क्यों होगा?

क्या आपके दांतों में कैविटी है? अगर हां, तो शायद आपको दवाइयों, महंगे टूथपेस्ट या घरेलू नुस्खों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. अब कैविटी का इलाज आपकी रसोई, डॉक्टर या दवा की दुकान से नहीं, बल्कि आपके सिर से ही मिलेगा! जी हां, अब आपके अपने बाल आपकी दांतों की रक्षा कर सकते हैं.

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वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दांतों की सड़न दूर करने के लिए बालों में मौजूद एक पदार्थ काम आ सकता है. (Photo: AI Generated)
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दांतों की सड़न दूर करने के लिए बालों में मौजूद एक पदार्थ काम आ सकता है. (Photo: AI Generated)

दांतों की कैविटी दूर करने के लिए लोग ना जाने कितने तरह के टूथपेस्ट, दवाइयां और घरेलू नुस्खे आजमाते हैं, लेकिन शायद अब वैज्ञानिकों ने कैविटी से निजात पाने का तरीका खोज लिया है. इस खोज के हिसाब से कैविटी किसी दवाई या नुस्खे से नहीं, बल्कि आपके सिर के बाल से खत्म होगी.

दातों की देखभाल के लिए मिला फ्लोराइड से बेहतर तरीका
टूथपेस्ट में मौजूद फ्लोराइड दांतों के इनेमल को मजबूत बनाता है, जिससे हमारे दांत प्लाक और बैक्टीरिया से निकलने वाले एसिड के प्रति ज्यादा प्रतिरोधी बनते हैं, जो दांतों की सड़न का कारण बनते हैं. किंग्स कॉलेज, लंदन के शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने एक ऐसे पदार्थ की पहचान की है जो सड़न से बचाव कर सकता है और शुरुआती नुकसान की मरम्मत फ्लोराइड से बेहतर तरीके से कर सकता है, जो कि आपके सिर का बाल है.

किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर और सलाहकार शेरिफ एल्शरकावी ने कहा कि अब बायोटेक्नोलॉजी की मदद से सिर्फ लक्षणों का इलाज ही नहीं, बल्कि शरीर की अपनी सामग्री का इस्तेमाल करके दांतों का प्राकृतिक कामकाज वापस लाना भी संभव हो रहा है. उन्होंने बताया कि अगर आगे सही रिसर्च और इंडस्ट्री का साथ मिला, तो लोग बाल कटवाने जितनी आसानी से अपने दांतों को और मजबूत व स्वस्थ बना सकेंगे.

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केराटिन एक मानव बाल, त्वचा, नाखून और भेड़ के ऊन में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है. यह दांतों पर एक मजबूत परत बनाता है, जो इनेमल की तरह काम करके दांतों की रक्षा करती है और उन नसों को ढक सकती है, जिनसे दांतों में संवेदनशीलता होती है. ब्रिटिश शोधकर्ताओं का मानना है कि दो से तीन साल में यह उत्पाद बाजार में आ जाएगा.

ऐसे इस्तेमाल किया केराटिन
इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने ऊन से केराटिन निकाला और दांतों पर लगाया. जब यह लार के खनिजों के साथ मिला तो इनेमल जैसी परत बनने लगी. यह परत धीरे-धीरे दांतों को मजबूत बना सकती है.

दांत का इनेमल एक बार खराब हो जाए तो दोबारा नहीं बनता, लेकिन केराटिन की मदद से इनेमल जैसी परत बन सकती है. इसे दांतों की मरम्मत और सुरक्षा में बड़ी खोज माना जा रहा है. यह अध्ययन Advanced Healthcare Materials नाम की पत्रिका में छपा है. किंग्स कॉलेज लंदन की रिसर्चर सारा गेमिया ने कहा कि केराटिन दंत इलाज में एक नया और बेहतर विकल्प हो सकता है. यह बाल और त्वचा जैसे अपशिष्ट पदार्थों से मिलता है और प्लास्टिक रेजिन की जगह ले सकता है, जो हानिकारक और कम टिकाऊ होते हैं.

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