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Rudyard Kippling के बचपन में ऐसा क्‍या हुआ, जिसके बाद रच दिया अमर किरदार 'मोगली'

Rudyard Kipling: किपलिंग को उनके माता-पिता 6 साल की उम्र में इंग्लैंड ले गए थे और उन्हें पांच साल के लिए साउथसी के एक फॉस्‍टर होम में छोड़ दिया गया. इसके बाद वह बोर्डिंग स्‍कूल गए जहां उन्‍होंगे अकेलापन, बुलिंग और पिटाई भी झेलनी पड़ी. अपने बचपन की यादों को सांचे में ढालकर उन्‍होंने 'मोगली' की रचना की.

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Rudyard Kipling
Rudyard Kipling

Rudyard Kipling: जोसेफ रुडयार्ड किपलिंग, का जन्म 30 दिसंबर, 1865 को बॉम्बे [अब मुंबई] में हुआ था. वह अंग्रेजी भाषा के बेहद लोकप्रिय लेखक, कवि और उपन्‍यासकार थे. शायद ही कोई ऐसा हो जो उनकी रचना 'द जंगल बुक' से परिचित न हो. ब्रिटिश काल में उन्‍होंने भारत में ब्रिटिश सैनिकों की कहानियां, कविताएं और बच्चों के लिए कहानियां लिखीं जो बेहद पसंद की गईं. उन्हें 1907 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिला.

परिवार के थे अच्‍छे संबंध
किपलिंग के पिता, जॉन लॉकवुड किपलिंग, एक कलाकार और विद्वान थे. वह लाहौर संग्रहालय के क्यूरेटर थे और उनका अपने बेटे के काम पर काफी प्रभाव था. उनकी मां एलिस मैकडोनाल्ड की दो बहनों ने 19वीं सदी के सबसे सफल चित्रकारों 'सर एडवर्ड बर्ने-जोन्स' और 'सर एडवर्ड पोयंटर' से शादी की, जबकि तीसरी बहन ने 'अल्फ्रेड बाल्डविन' से शादी की जो आगे चलकर प्रधानमंत्री स्टेनली बाल्डविन की मां बनीं. इन पारिवारिक संबंधों का किपलिंग पर आजीवन असर रहा.

बोर्डिंग स्‍कूल का हुआ गहरा असर
उनका अधिकांश बचपन दुखों में बीता. किपलिंग को उनके माता-पिता 6 साल की उम्र में इंग्लैंड ले गए थे और उन्हें पांच साल के लिए साउथसी के एक फॉस्‍टर होम में छोड़ दिया गया. इसका वर्णन उन्होंने अपनी कहानी 'बा बा, ब्लैक शीप' (1888) में किया था. इसके बाद वे वेस्टवर्ड, नॉर्थ डेवोन में यूनाइटेड सर्विसेज कॉलेज गए. यह एक नया, सस्ता और घटिया बोर्डिंग स्कूल था. इसने किपलिंग के पूरे जीवन पर असर डाला. यहां का जिक्र उनकी कई कहानियों में देखने को मिला. बोर्डिंग में हुई बुलिंग और पिटाई का उनपर गहरा असर पड़ा. 

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भारत आकर की पत्रकारिता
1882 में किपलिंग भारत लौट आए और एक पत्रकार के रूप में 7 साल तक काम किया. उनके माता-पिता एंग्लो-इंडियन समाज के अपर क्‍लास से आते थे, और रडयार्ड को उसका लाभ भी मिला. पूरे समय वह भारत के तमाशों को गौर से देखता रहे, जिसमें बचपन से ही उनकी रुचि और स्नेह था. 1894 में प्रकाशित उनकी रचना 'The Jungle Book' एक कालजयी रचना साबित हुई. उनके द्वारा रचे गए किरदार शेर खान, बल्‍लू और मोगली ने दशकों तक बच्‍चों को अपनी ओर खींचा. माना जाता है कि जंगल के जानवरों के बीच अकेला पला-बढ़ा उनका किरदार मोगली बचपन में बोर्डिंग स्‍कूल की स्‍मृतियों से प्रभावित था. आज ही के दिन 18 जनवरी, 1936 को लंदन में उनकी मृत्‍यु हो गई.

 

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