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क्या ओलंपिक में अलग होते हैं खेल के नियम? ये बनाता कौन है, कहां दे सकते हैं चुनौती?

Olympics Rules: विनेश फोगाट के अयोग्य करार देने के मामले को लेकर ओलंपिक के नियमों की काफी चर्चा हो रही है. तो आज जानते हैं इन नियमों की पूरी कहानी...

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ओलंपिक में नियम आईएओ की ओर से फाइनल किए जाते हैं. (AP Photo/John Locher)
ओलंपिक में नियम आईएओ की ओर से फाइनल किए जाते हैं. (AP Photo/John Locher)

भारतीय रेसलर विनेश फोगाट के अयोग्य करार देने के बाद कुश्ती और ओलंपिक से जुड़े नियमों की काफी चर्चा हो रही है. सिर्फ 100 ग्राम वजन की वजह से डिसक्वालिफेशन होने पर ओलंपिक नियमों में ग्रेस आदि पर बात हो रही है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि आखिर ओलंपिक के ये नियम बनाता कौन है और क्या ये नियम खेल के नियमों से थोड़े अलग होते हैं? वहीं, अगर किसी को इन नियमों से दिक्कत होती है तो क्या वो इन्हें चैलेंज कर सकता है? तो जानते हैं ओलंपिक से जुड़े नियमों से जुड़े हर एक सवाल का जवाब...

कौन बनाता है ये नियम?

ओलंपिक गेम्स का आयोजन करने की ज़िम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की होती है और हर बार कोई एक देश इसकी मेजबानी करता है. ओलंपिक में नियम, खिलाड़ियों से जुड़े मुद्दों पर आईओसी ही फैसला लेती है. लेकिन, आईओसी भी 'ओलंपिक चार्टर' के आधार पर काम करता है. ओलंपिक चार्टर एक तरह से नियमावली या एक संहिता की तरह है, जिसमें ओलंपिक से जुड़ी कुछ खास बात लिखी हैं. इसमें ओलंपिक से जुड़े नियम लिखे हैं और वो सभी नियम लिखे हैं, जिनके आधार पर आईओसी काम करती है. इसमें ओलंपिक के लोगो से लेकर मेडल आदि को जानकारी लिखी है. 

ओलंपिक में जो नियम इवेंट को लेकर है, वो आईओसी की ओर से ही बनाए गए हैं. आईओसी फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल बैंडी (FIB), इंटरनेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन, ओलंपिक चार्टर, इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स फेडरेशन, वर्ल्ड ओलंपिक एसोसिएशन के साथ काम करती है. इनके फैसले के आधार पर ही ओलंपिक में कोई बदलाव किया जाता है. 

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वहीं, अगर खेल के नियमों की बात करें तो ये नियम इंटरनेशनल फेडरेशन, नेशनल ओलंपिक कमेटियों की ओर से तय किए जाते हैं और फिर उन्हें आईओए के नियमों में शामिल किया जाता है. इंटरनेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन का मतलब है बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन, इंटरनेशनल बास्केटबॉल फेडरेशन, इंटरनेशनल गोल्ड फेडरेशन आदि. हर गेम के हिसाब से कई फेडरेशन हैं. 

क्या किया जा सकता है चैलेंज?

अगर कोई एथलीट या कोई नेशनल कमेटी किसी नियम या फैसले के खिलाफ जाना चाहती है तो इन्हें Court of Arbitration for Sport में चैलेंज किया जा सकता है. ये एक स्वतंत्र संस्था है, जिसे इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट की ओर से बनाया गया है. इसे कई फेडरेशन की सहमति के बाद बनाया गया है. 

क्या अलग अलग होते हैं नियम?

आमतौर पर ओलंपिक में खेले जाने वाले गेम्स के नियम सामान्य गेम्स नियम की तरह ही होते हैं. लेकिन, कुछ गेम्स में अटेम्प्ट आदि को लेकर नियम अलग होते हैं. जैसे बास्केटबॉल के एनबीए रुल्स अलग हैं, जबकि ओलंपिक में बास्केटबॉल के नियम अलग हैं. ओलंपिक में 10 मिनट का क्वार्टर होता है, लेकिन एनबीए में 12 मिनट का होता है. इसके अलावा फील्ड इवेंट लॉन्ग जंप आदि में भी कुछ नियम अलग हैं.

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कितना मिलता है ग्रेस

ये हर गेम पर निर्भर करता है कि किसमें कितना ग्रेस मिलेगा. जैसे कुश्ती में आम तौर पर 2 किलो तक ग्रेस मिल जाता है, लेकिन ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियन चैंपियनशिप में ऐसा नहीं है.  कई गेम्स में फेडरेशन ग्रेस भी देता है, लेकिन ओलंपिक में नहीं होता है. इसी वजह से विनेश को कोई ग्रेस नहीं मिला और 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से बाहर होना पड़ा.
 

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