
National Mathematics Day 2024: महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की आज 137वीं जयंती है. भारत सरकार ने उनकी स्मृति में 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) घोषित किया है. रामानुजन का निधन 32 वर्ष की उम्र में हो गया था. अपनी इस छोटी सी उम्र तक उन्होंने दुनिया को लगभग 3900 से अधिक गणितीय सूत्र दिए थे, जो आज भी गणितीय अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में इस्तेमाल किए जाते हैं. उनका सबसे प्रसिद्ध और व्यावहारिक उपयोग में आने वाला सूत्र पाई (π) से जुड़ा हुआ है.
रामानुजन का पाई (π) के लिए सूत्र
रामानुजन ने π के लिए कई अनंत श्रृंखलाएं (infinite series) दीं. उनमें से एक प्रसिद्ध श्रृंखला है:

इस सूत्र की विशेषताएं
श्रीनिवास रामानुजन का जन्म
श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड नामक स्थान पर हुआ था. उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, लेकिन उनकी गणित में रुचि बचपन से ही गहरी थी. रामानुजन ने बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के गणित में अद्भुत ज्ञान और क्षमताओं का विकास किया. जब वह 12 साल के थे तो उन्होंने त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी और उन्होंने अपने दम पर कई प्रमेय भी विकसित की. उन्हें गणित से इतना लगाव था कि वह गणित में पूरे अंक ले आते थे लेकिन अन्य विषयों में फेल हो जाते थे.
गणित में योगदान
रामानुजन ने गणित के कई जटिल क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनकी खोजें मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में थीं-
संख्या सिद्धांत: रामानुजन के लिए संख्याओं का अध्ययन एक जुनून था. उन्होंने अनेक विशेष संख्याओं और उनके गुणों का वर्णन किया.
रामानुजन संख्याएं: जैसे 1729 को "रामानुजन संख्या" कहा जाता है, क्योंकि यह दो अलग-अलग तरीकों से दो घन संख्याओं का योग है.
1729=13+123=93+103
रामानुजन-पीटरसन परिकल्पना: उन्होंने मॉक थीटा फंक्शन और मॅड्यूलर फॉर्म्स पर भी कार्य किया.
इन्फिनिट सीरीज: रामानुजन ने इन्फिनिट सीरीज के नए सूत्र और विधियां दीं, जो आधुनिक गणित के लिए आधार बन गए.
कैम्ब्रिज और जी.एच. हार्डी
रामानुजन ने अपने शोध पत्र इंग्लैंड के प्रसिद्ध गणितज्ञ जी.एच. हार्डी को भेजे. हार्डी उनकी प्रतिभा से प्रभावित हुए और उन्हें कैम्ब्रिज बुला लिया. वहां उन्होंने मिलकर कई महत्वपूर्ण शोध किए.
निधन
कैम्ब्रिज के ठंडे वातावरण और भोजन की समस्या के कारण रामानुजन का स्वास्थ्य खराब होने लगा. उन्हें तपेदिक हो गया, और 26 अप्रैल 1920 को मात्र 32 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया.
विरासत
आज भी उनके द्वारा किए गए गणितीय आविष्कार मैथ्स और फिजिक्स के एडवांस्ड फील्ड में उपयोगी हैं, जैसे कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, क्रिप्टोग्राफ, थ्योरिटिकल फिजिक्स और डेटा एनालिसिस. रामानुजन का यह काम दिखाता है कि गणित के गहरे और जटिल सिद्धांत भी सरल सूत्रों में व्यक्त किए जा सकते हैं. रामानुजन की कृतियां, जैसे रामानुजन नोटबुक्स, आज भी गणितज्ञों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. उनकी उपलब्धियां यह दिखाती हैं कि प्रतिभा और समर्पण किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं.