scorecardresearch
 

इजरायल की जासूसी करने वालों को सजा-ए-मौत... दोषियों को ऐसे मारता है ईरान!-

ईरान में मौत की सजा केवल फांसी तक सीमित नहीं है, यहां पर कई बार इसे ऐसे तरीकों से अंजाम दिया जाता है जो सुनकर ही रोंगटे खड़े कर देते हैं. विशेष रूप से बलात्कार, हत्या, देशद्रोह, और जासूसी जैसे अपराधों में ऐसी सजा दी जाती है.

Advertisement
X
Death Penalty In Isreal (Image: Pixabay)
Death Penalty In Isreal (Image: Pixabay)

ईरान और इजारयल के बीच 12 दिन युद्ध के बाद सीजफायर का ऐलान हुआ है. दोनों देश कई दिनों से एक दूसरे पर हमला कर रहे थे. इस बीच ईरान ने इजरायल की जासूसी करने वालों को सख्त सजा दी है. कुछ जासूस को ईरान में रहकर इजरायल की मोसाद खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी कर रहे थे, उन्हें ईरान ने मौत के घाट उतार दिया है. 

ईरानी तस्नीम समाचार एजेंसी के अनुसार, ईरान ने रविवार को एक जासूस को फांसी पर चढ़ा दिया, जिसे इजरायल की मोसाद खुफिया एजेंसी के साथ काम करने का दोषी पाया गया था. मारे गए व्यक्ति, माजिद मोसेबी पर इजरायली खुफिया सेवा मोसाद को “संवेदनशील जानकारी” देने का प्रयास करने का आरोप था. इसके अलावा भी ईरान ने दो और लोगों को खूफिया जानकारी इधर-उधर करने पर मौत का सजा दी है. ईरान में मौत की सजा सिर्फ फांसी नहीं बल्कि कई डरा देने वाले तरीकों से दी जाती है. आइए जानते हैं.

ईरान में मौत की सजा केवल फांसी तक सीमित नहीं है, यहां पर कई बार इसे ऐसे तरीकों से अंजाम दिया जाता है जो सुनकर ही रोंगटे खड़े कर देते हैं. ईरानी दंड संहिता (Iranian Penal Code) में ऐसे कई क्रूर निष्पादन (execution) के तरीके शामिल हैं जिनका इस्तेमाल गंभीर अपराधों या विशेष मामलों में किया जाता है. आमतौर पर तो यहां फांसी दी जाती है लेकिन कई बार यहां गोली मारकर और पत्थर मारकर भी सजाए-ए-मौत को अंजाम दिया जाता है. 

Advertisement

कैसे-कैसे मिलती है ईरान में सजा-ए-मौत

ईरान की क़ानूनी व्यवस्था में फायरिंग स्क्वॉड (गोली मारने की टुकड़ी), पत्थर मारकर मार देना (stoning), और सूली पर चढ़ाना (crucifixion) जैसे खौफनाक विकल्प भी मौजूद हैं. साल 2020 की बात करें तो एक कैदी हिदायत अब्दुल्लापुर को फायरिंग स्क्वॉड के जरिये मौत की सजा दी गई थी.

इन कानून का मतलब सिर्फ सजा-ए-मौत देना बल्कि लोगों के बीच डर बिठाना भी होता है ताकि आगे कोई व्यक्ति जुर्म करने की ना सोचे. विशेष रूप से बलात्कार, हत्या, देशद्रोह, और जासूसी जैसे अपराधों में ऐसी सजा दी जाती है. हालांकि, साल 2010 के बाद से ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिसमें दोषी को पत्थर मारकर सजा-ए-मौत दी गई है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement