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कौनसी है वो दवा, जिसे एलन मस्क ने बताया बेटे की 'मौत' की वजह?

दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने अपने बेटे जेवियर को लेकर खुलासे किए हैं. उनका कहना है कि वैक्सीन के नाम पर उनके बेटे को गलत दवा दी गई थी, जिसकी वजह से वो अपने बेटे से दूर हो गए.

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एलन मस्क (फाइल फोटो)
एलन मस्क (फाइल फोटो)

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अपने बेटे जेवियर को लेकर कुछ खुलासे किए हैं और बताया है कि कुछ दवाइयों की वजह से उनका बेटा उनसे अलग हो गया. एलन मस्क ने एक इंटरव्यू में अपने बेटे जेवियर की बीमारी और उसके इलाज को लेकर खुलकर बात की है और बताया है कि किस तरह उनका बेटा उनसे दूर हो गया. साथ ही उन्होंने अपने बेटे को दी गई दवाइयों को लेकर भी चर्चा की है, जिसे लेकर कई आरोप भी लगाए हैं. ऐसे में जानते हैं एलन मस्क के बेटे को कौनसी बीमारी थी और किन दवाइयों की काफी चर्चा हो रही है...

कौन हैं जेवियर?

बता दें कि एलन मस्क के 12 बच्चे हैं, जिसमें एक हैं जेवियर. एलन मस्क के बेटे जेवियर ने 18 साल की उम्र में अपना जेंडर बदलवा लिया था और अपना नाम जेवियर से बदलकर विवियन जेना विल्सन रख लिया था. इसके बाद वे अपने पिता इलन मस्क से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती हैं. विवियन ने अपने नाम से मस्क हटाकर मां का सरनेम लगाया था. 

एलन मस्क ने क्या कहा?

एलन मस्क ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके बेटे जेवियर की वोक माइंड वायरस की वजह से 'मौत' हो गई. उन्होंने इंटरव्यू में जेवियर को दी गई दवाइयों को लेकर सवाल उठाए हैं और कहा है कि बेटे को धोखे में रखकर कुछ दवाइयां दी गई थीं, जिसकी वजह से उनका बेटा अलग हो गया.

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उन्होंने बताया कि उनके बेटे को प्यूबर्टी ब्लॉकर्स दवाइयां दी गई थीं और उन्हें धोखे में रखकर इसकी सहमति ली गई और वो कुछ समझ पाते, उससे पहले वो अपने बेटे को खो चुके थे. अब मस्क का कहना है कि वो ट्रांसजेंडर मेडिकल ट्रीटमेंट को अपराध घोषित करने की लड़ाई लड़ेंगे और साथ ही उन्होंने एक वायरस की तरह बताया है. 

उन्होंने बताया कि जेवियर के इलाज के वक्त कोविड था और उस दौरान काफी भ्रम की स्थिति थी. इस दौरान उन्हें डॉक्टर्स की तरह से कहा गया कि उन्हें ये दवा नहीं गई थो वो आत्महत्या भी कर सकते हैं.  फिर मुझसे साइन करवा लिए गए और उन्हें जवान होने से रोकने वाली दवाइयां दी गई. 

किस दवा की बात कर रहे हैं मस्क?

दरअसल, एलन मस्क प्यूबर्टी ब्लॉकर्स की बात कर रहे हैं. दरअसल, ये वो दवाइयां होती हैं, जिनके जरिए जेंडर हॉर्मोन जैसे टेस्टॉस्टेरॉन और एस्ट्रोजन बनना रुक जाते हैं. इससे बढ़ती उम्र के दौरान   जो जेंडर के हिसाब से शरीर में बदलाव होते हैं, वो नहीं होते हैं. ये अक्सर नॉन बायनरी जेंडर के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसके जरिए वो एक जेंडर की पहचान कर सकें. लेकिन, कई रिसर्च में इस खतरनाक माना गया है और हाल ही में यूके में इसके इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है. 

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