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क्या होता है फाइटर जेट में 'जेनरेशन' का मतलब? भारत के पास अभी कौन-सा है

भारत के पास राफेल यानी की 4.5 जेनरेशन का विमान है. वहीं, चीन ने 6th जेनरेशन फाइटर जेट J-36 तैयार कर लिया है. इसी बीच खबर सामने आई है कि अमेरिकी कंपनी GE ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के लिए स्लील्थ फाइटर का इंजन देने की पेशकश की है. इन खबरों के बीच लोगों के मन में सवाल है कि ये जेनरेशन का क्या मतलब है. आइए इसे समझते हैं.

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Fighter Jets Generation (फोटोः डैसो एविएशन)
Fighter Jets Generation (फोटोः डैसो एविएशन)

हाल ही में यह खबर सामने आई है कि चीन ने 6वीं पीढ़ी (6th Generation) का फाइटर जेट J-36 विकसित कर लिया है. उधर, पाकिस्तान को भी चीन से 5वीं जेनरेशन का आधुनिक लड़ाकू विमान J-35 मिलने वाला है. वहीं भारत की बात करें तो उसके पास इस समय सबसे एडवांस लड़ाकू विमान के तौर पर फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित रफाल जेट मौजूद है, जो तकनीकी रूप से 4.5 जेनरेशन का फाइटर जेट माना जाता है. इन सभी खबरों के बीच आम लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि आखिर फाइटर जेट्स की ये 'जेनरेशन' होता क्या है? 

'जेनरेशन शब्द का मतलब यहां फाइटर जेट्स की तकनीकी और युद्धक क्षमता के आधार पर उनका विकास क्रम या पीढ़ी से है. जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ती गई, फाइटर जेट्स भी ज्यादा तेज, घातक, स्मार्ट और स्वचालित होते गए.  इसी क्रम में उन्हें अलग-अलग 'जेनरेशन' या पीढ़ियों में बांटा गया है.

जेनरेशन का यहां सीधा-सीधा मतलब फाइटर जेट्स की पीढ़ी से हैं. जैसे दुनिया के पहले फाइटर जेट  'Messerschmitt Me 262' को जेनरेशन -1 माना जाता है. इसके बाद दो फाइटर जेट बने उनमें लेक्ट्रॉनिक सिस्टम, हथियार और रडारों में सुधार किए गए. 1955 से 1970 के बीच बनने वाले सभी फाइटर जेट्स को दूसरी जेनरेशन फाइटर जेट कहा गया है.  1970 के बाद आए विमानों में इंटीग्रेटेड इंजन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया. यानी इनमें एयरफ्रेम और इंजन एक साथ आते थे. ये फाइटर जेट की तीसरी जेनरेशन हैं.

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1970 से 2000 के दशक में बने फाइटर जेट्स को चौथी पीढ़ी का विमान माना जाता है.  4th जेनरेशन के जेट्स पहले विमान थे जिन्हें अलग-अलग मिशंस में मसलन इंटरसेप्टर या बॉम्बर, हर तरह से इस्तेमाल किया जा सकता था. पांचवी जेनरेशन के फाइटर जेट में एडवांस एवियॉनिक्स माने उन्नत इलेक्ट्रिकल सिस्टम होता है.

पांचवी पीढ़ी के जेट्स में अधिकतर सिस्टम्स ऑटोमेटिक हैं. युद्ध के दौरान ये खुद से खतरे को ढूंढ़ कर, उनपर किसी तरह से, किन हथियारों से हमला किया जाए, ये भी खुद से तय कर के पायलट को बता देते हैं. 6th जेनरेशन का कोई भी जेट अभी किसी भी सेना में ऑपरेशनल नहीं है. हालांकि अमेरिका, रूस, ब्रिटेन-इटली-जापान, फ्रांस-जर्मनी-स्पेन ने घोषणा कर दी है कि वो एक 6th जेनरेशन फाइटर जेट पर काम कर रहे हैं.

कैसे होंगे 6th जेनरेशन के फाइटर जेट्स

छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स अभी किसी भी देश की वायुसेना में ऑपरेशनल नहीं हुए हैं, लेकिन कई देश इस दिशा में काम कर रहे हैं.  अमेरिका, रूस, ब्रिटेन-इटली-जापान और फ्रांस-जर्मनी-स्पेन जैसे देश 6th Gen फाइटर जेट्स के प्रोटोटाइप पर काम कर रहे हैं. चीन का दावा है कि उसने J-36 नाम का 6वीं जेनरेशन का फाइटर जेट तैयार कर लिया है.

रिपोर्ट- मानस राज (द लल्लनटॉप)

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