शाहजहां
जहांगीर के बाद उसके द्वितीय पुत्र खुर्रम ने 1628 में तख्त संभाला. खुर्रम ने शाहजहां का नाम ग्रहण किया जिसका अर्थ होता है दुनिया का राजा.
जोधपुर के शासक मोटा राजा उदय सिंह की बेटी जगत गोसाई के गर्भ से 5 जनवरी 1592 ई खुर्रम शाहजहां का जन्म लाहौर में हुआ:
(1) 1612 ई में खुर्रम का विवाह आसफ खान की बेटी अरजुमंद बानो बेगम से हुआ, जिसे शाहजहां ने मलिका-ए-जमानी की उपाधि प्रदान की. 1631 ई में प्रसव पीड़ा के कारण उसकी मृत्यु हो गई.
(2) 24 फरवरी 1628 ई में शाहजहां आगरे में अबुल मुजफ्फर शहाबुद्दीन मुहम्मद साहिब किरन-ए-साहिब की उपाधि प्राप्तकर सिंहासन पर बैठा.
(3) शाहजहां ने आसफ खान को वजीर पद प्रदान किया.
इसने महावत को खानखाना की उपाधि प्रदान की.
(4) इसने नूरजहां को 2 लाख रूपए प्रतिवर्ष पेंशन देकर लाहौर जाने दिया, जहां 1645 ई में उसकी मृत्यु हो गई.
(5) शाहजहां को ताज महल के लिए याद किया जाता है, जो उसने आगरा में यमुना नदी के किनारे अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए सफेद संगमरमर से बनवाया था.
ताजमहल को बनाने वाला कलाकार उस्ताद अहमद लाहौरी था.
(6) शाहजहां के शासनकाल को स्थापत्यकला का स्वर्णिम युग कहा जाता है. शाहजहां ने दिल्ली का लालकिला, दीवाने आम, दीवाने खास, दिल्ली की जामा मस्जिद, आगरा की मोती मस्जिद बनवाई.
(7) शाहजहां ने 1638 ई में अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली लाने के लिए यमुना के दाहिने तट पर शाहजहांनाबाद की नींव डाली.
आगरा की जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहां की बेटी जहांआरा ने करवाया.
(8) शाहजहां के दरबार के प्रमुख चित्रकार मुहम्मद फकीर और मीर हासिम थे.
शाहजहां के बेटों में दाराशिकोह सबसे बुद्धिमान था, उसने भगवद गीता और योगवशिष्ठ उपनिषद् और रामायण का अनुवाद फारसी में करवाया.
(9) शाहजहां ने दिल्ली में एक कॉलेज का निर्माण करवाया और दारूल बका कॉलेज की मरम्मत कराई.
(11) शाहजहां के बीमार पड़ने पर उसके चारों बेटों दारा शिकोह, शाहशुजा, औरंगज़ेब और मुराद बख़्श में 1657 ई में उत्तराधिकार के लिए संघर्ष शुरू हो गया.
(12) 18 जून को 1658 ई में औरंगजेब ने शाहजहां को बंदी बना लिया.
(13) 25 अप्रैल 1658 ई में दारा और औरंगजेब के बीच धरमट का युद्ध हुआ. इस युद्ध में दारा हार गया.
(14) सामूगढ़ का युद्ध 1658 ई को दारा और औरंगजेब के बीच हुआ, इस युद्ध में भी दारा हार गया.
दाराशिकोह, मुगल बादशाह शाहजहां का सबसे बड़ा बेटा था.
(15) दारा शिकोह बहुत दानी प्रवृति का व्यक्ति था.
दाराशिकोह को शाह बुलंद इकबाल के रूप में जाना जाता है.
(16) उत्तराधिकारी का अंतिम युद्ध देवराई की घाटी में 12 से 14 अप्रैल 1659 ई. को हुआ.
(17) इस युद्ध में दारा के हारने पर उसे इस्लाम धर्म की अवहेलना करने के अपराध में 30 अगस्त 1659 ई में उसकी हत्या कर दी गई.
(18) आगरा के किले में अपने कैदी जीवन के आठवें साल मतलब 31 जनवरी 1666 ई को 74 साल की उम्र में शाहजहां की मृत्यु हो गई.