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क्या होते हैं इंटीग्रेटेड कोर्स? IIT- DU से लेकर कई संस्थान देते हैं मौका, जान‍िए- कौन कर सकता है यह कोर्स

देश-विदेश में इंटीग्रेटेड कोर्सेज की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. इसके अलावा, कोविड के बाद से शिक्षा व्यवस्था में कई बदलाव आए हैं. अब स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ऐसे कोर्स की तलाश में हैं जो लंबे समय तक स्टेबल करियर देने की गारंटी दे सके. इंटीग्रेटेड प्रोग्राम्स यहां भी फ‍िट बैठते हैं.

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What are integrated courses
What are integrated courses

12वीं की पढ़ाई के बाद हायर एजुकेशन के साथ इंटीग्रेटेड कोर्स भी अच्छा व‍िकल्प है. देश की टॉप यूनिवर्सिटीज़ और इंस्टीट्यूट्स जैसे IIT, DU, IISER, JNU और कई प्राइवेट संस्थान अब ऐसे कोर्सेज़ ऑफर कर रहे हैं जो छात्रों को एक साथ ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री दिलवाते हैं. लेकिन, ये कोर्स सिर्फ डिग्री तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये एक स्मार्ट और फ्यूचर-रेडी चॉइस भी बनते जा रहे हैं. 

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क्या होता है इंटीग्रेटेड कोर्स

इंटीग्रेटेड कोर्स एक ऐसा एकेडमिक प्रोग्राम है जिसमें एक साथ UG (Undergraduate) और PG (Postgraduate) की पढ़ाई कराई जाती है. इस कोर्स को पूरा करने पर छात्र को दोनों डिग्रियां मिलती हैं लेकिन अलग-अलग एंट्रेंस एग्जाम और एडमिशन प्रोसेस से बचा जा सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर आप बीए और एमए साथ करना चाहते हैं या बीएससी के साथ एमएससी तो इंटीग्रेटेड कोर्स एक बेहतरीन ऑप्शन है. इसमें आप 12वीं के बाद सीधा एडमिशन लेते हैं और 5 साल में दोनों डिग्रियां पूरी कर सकते हैं. 

बढ़ रही है इन कोर्सेज की डिमांड

आज के समय में हर छात्र चाहता है कि उसे जल्दी और बेहतर नौकरी मिले. ऐसे में इंटीग्रेटेड कोर्स समय की बचत करने और इंडस्ट्री के अनुरूप स्किल्स तैयार करने का मौका देते हैं. यही वजह है कि देश-विदेश में इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. इसके अलावा, कोविड के बाद से शिक्षा व्यवस्था में कई बदलाव आए हैं. अब स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ऐसे कोर्स की तलाश में हैं जो लंबे समय तक स्टेबल करियर देने की गारंटी दे सके. इंटीग्रेटेड प्रोग्राम्स यहां भी फ‍िट बैठते हैं. 

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इंटीग्रेटेड कोर्स के फायदे

1. सबसे पहला फायदा समय की बचत है. ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन दोनों अलग-अलग करने में जहां 6 साल लगते हैं, वहीं इंटीग्रेटेड कोर्स में यह 5 या कभी-कभी 4.5 साल में पूरा हो जाता है. 

2. अलग से एंट्रेंस की ज़रूरत नहीं होती. एक बार एंट्री मिल गई तो बीच में पोस्टग्रेजुएशन के लिए अलग एग्जाम, आवेदन और प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता. 

3. इंडस्ट्री में प्रायोरिटी मितली है. इन कोर्सेज को पूरा करने वाले छात्रों को अक्सर कंपनियां प्राथमिकता देती हैं, क्योंकि उनका एकेडमिक बैकग्राउंड मजबूत और कंट‍िनुएशन में होता है. 

4. रिसर्च में बूस्ट मिलता है. जिन छात्रों की रुचि रिसर्च और उच्च शिक्षा (PhD) में है, उनके लिए इंटीग्रेटेड कोर्सेज मजबूत नींव का काम करते हैं. 

5. पैसे की बचत भी एक फायदा है. अलग-अलग कोर्सेज करने की तुलना में इंटीग्रेटेड कोर्स टोटल फीस को भी कम कर सकते हैं. 

ये संस्थान कराते हैं इंटीग्रेटेड कोर्स 

IIT मद्रास, IIT खड़गपुर-  B.Tech + M.Tech
IISERs- BS + MS
JNU, BHU, HCU- BA + MA
Delhi University (DU)- नए चार वर्षीय कार्यक्रमों में भी इंटीग्रेशन की सुविधा मिल रही है
NALSAR, NLU, Symbiosis Law School-  B.A. LL.B. (Law)
Private Universities-  जैसे Amity, Ashoka, Shiv Nadar University आदि भी कई इंटीग्रेटेड कोर्स ऑफर कर रही हैं. 

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कौन कर सकता है यह कोर्स?

12वीं कक्षा पास करने के बाद इन कोर्सेज के लिए आवेदन कर सकते हैं. 
कुछ संस्थानों में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम जैसे CUET, JEE, CLAT या खुद का टेस्ट लिया जाता है. 
कोर्स की अवधि सामान्यतः 5 साल होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह कम या ज्यादा भी हो सकती है. 

करियर और जॉब के मौके भी ज्यादा 

MNCs में अच्छी पोस्ट पर भर्ती होते हैं. 
रिसर्च फील्ड में PhD या विदेश में हायर स्टडी के लिए अप्लाई कर सकते हैं. 
सरकारी नौकरियों में भी उन्हें स्कोर अधिक मिलता है. 
साथ ही कई कंपनियां इंटीग्रेटेड कोर्सेज करने वाले युवाओं को जल्दी चुनती हैं, क्योंकि वे एक ही संस्थान में निरंतर 5 साल पढ़कर नॉलेज और स्किल्स में स्थिरता लाते हैं. 

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