Rajasthan Sarkari Naukri Important Announcement: राजस्थान सरकार ने आगे होने वाली सरकारी भर्तियों को लेकर बड़ा ऐलान किया है. राज्य सरकार, 2013 केदारनाथ-बद्रीनाथ बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी (अनुकम्पा नियुक्ति) देगी. इसके अलावा कोविड-19 की वजह से उम्मीदवारों को आयु सीमा में दो वर्ष की छूट दी जाएगी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट के जरिए इसकी घोषणा की है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केदारनाथ-बद्रीनाथ बाढ़ 2013 में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए आगामी भर्ती परीक्षाओं और नौकरियों में उम्मीदवारों के लिए आयु में दो साल की छूट की घोषणा की. उन्होंने शनिवार को कहा कि कोरोनो महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से विभिन्न भर्ती परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकीं.
मुख्यमंत्री ने जून 2013 में उत्तराखंड में बद्रीनाथ-केदारनाथ बाढ़ में अपनी जान गंवाने वाले राज्य के उन 511 लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान पहले ही इस योजना की घोषणा कर दी थी और पीड़ितों के परिवार के पांच सदस्यों को नौकरी भी मिली थी, लेकिन अगली भाजपा सरकार ने इसे रद्द कर दिया.
सीएम ने ट्वीट में लिखा, 2013 की केदारनाथ त्रासदी में जान गंवाने वाले एवं स्थायी रूप से लापता हुए राजस्थान के निवासियों के परिजनों को सम्बल देने के लिए 2013 में अनुकम्पा नियुक्ति देने की घोषणा की थी एवं कुछ लोगों को नियुक्ति दे दी गई थी.' 'परन्तु सरकार बदलने के बाद भाजपा सरकार ने इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. मैं घोषणा करता हूं कि केदारनाथ त्रासदी के पीड़ितों के एलिजिबल परिजनों को पुनः अनुकम्पा नियुक्ति दी जाएगी.'
2013 की केदारनाथ त्रासदी में जान गंवाने वाले एवं स्थायी रूप से लापता हुए राजस्थान के निवासियों के परिजनों को सम्बल देने के लिए 2013 में अनुकम्पा नियुक्ति देने की घोषणा की थी एवं कुछ लोगों को नियुक्ति दे दी गई थी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 30, 2022
परन्तु सरकार बदलने के बाद भाजपा सरकार ने इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। मैं घोषणा करता हूं कि केदारनाथ त्रासदी के पीड़ितों के एलिजिबल परिजनों को पुनः अनुकम्पा नियुक्ति दी जाएगी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 30, 2022
कोविड के कारण दो वर्षों तक नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो सकीं इसलिए आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को ऊपरी आयुसीमा में दो वर्षों की छूट दी जाएगी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 30, 2022
गहलोत ने दावा किया कि भाजपा ने उन पांच लोगों को भी हटा दिया, जिन्हें अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली थी. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार का अगला बजट राज्य के युवाओं और छात्रों को समर्पित होगा. बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, गहलोत ने कहा था कि राज्य सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल में अब तक लगभग 1.25 लाख लोगों को नौकरी दी है, जबकि लगभग एक लाख नौकरियों की प्रक्रिया चल रही है. 2022-23 के बजट में और एक लाख नौकरियों की घोषणा की गई. उन्होंने कहा था कि लोगों को समय पर नौकरी मिले इसके लिए भर्ती परीक्षाएं कराई जाएंगी.
इस मौके पर गहलोत ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लोगों को 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है. उन्होंने कहा कि राज्य की 1.35 करोड़ महिलाओं के बीच स्मार्ट मोबाइल फोन वितरित किए जाने की तैयारी है ताकि उनके बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ उठा सकें और वे अपने रिश्तेदारों से बात कर सकें और सरकारी योजनाओं से अपडेट रह सकें. इस अवसर पर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी, स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, सामाजिक न्याय मंत्री टीकाराम जूली और अन्य मंत्री उपस्थित थे. कार्यक्रम में जिले के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं और युवा शामिल हुए.
सीएम गहलोत ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) घोषित करनी चाहिए - जिससे राज्य के 13 जिलों को लाभ होगा. इसे समयबद्ध पूरा करने के लिए एक राष्ट्रीय परियोजना. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की बार-बार मांग पर केंद्र ने राज्य सरकार को इस परियोजना पर काम रोकने के लिए पत्र भेजा, जो बहुत दर्दनाक था.