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KPO में करियर शुरू कर संवारें भविष्य

भारत में केपीओ में नौकरी की अपार संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को इंटरनेशनल स्तर का वर्किंग एनवायरमेंट मिलता है.

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भारत में केपीओ में नौकरी की अपार संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को इंटरनेशनल स्तर का वर्किंग एनवायरमेंट मिलता है. केपीओ का मलतब नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग. इसमें उन लोगों की जरूरत होती है जिन्हें किसी खास क्षेत्र की अच्छी समझ हो.

दूसरे शब्दों में कहें तो केपीओ के तहत स्पेशलाइज्ड आउटसोर्सिंग सर्विसेज जैसे लीगल सर्विस, हेल्थकेयर सर्विस, रिसर्च, इंजीनियरिंग सर्विस, क्लीनिकल रिसर्च, डॉक्यूमेंट राइटिंग, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी जैसे काम आते हैं. इन क्षेत्रों में विशेष योग्यता, टेक्निकल स्किल और एनालिटिकल एबिलिटी की जरूरत पड़ती है. मास्टर डिग्री लेने के बाद अगर केपीओ को ज्‍वॉइन किया जाए तो ज्यादा अच्छा है. तब तक आप किसी खास विषय पर अपनी पकड़ भी बना सकते हैं.

नौकरी की संभावनाएं:
केपीओ क्षेत्र में नौकरी की काफी संभावनाएं हैं. भारत में अमेरिका और ब्रिट्रेन से ही केपीओ का काम मिलता है. आप फ्रेशर हैं तो इंटरनेट पर कई जॉब्ससाइट हैं जहां से आपको नौकरी मिल सकती है. अगर आपके पास काम का अनुभव है तो भी अपने फील्ड से संबंधित क्षेत्र में इंटरनेट पर उपलब्ध जॉब्ससाइट से नौकरी पा सकते हैं. अगर आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं तो केपीओ नौकरी के लिए बेस्ट ऑप्‍शन है. केपीओ में बेहतर जॉब्स पाने के लिए कंपनियां डिग्री की मांग करती हैं क्योंकि कंपनियों में कई बार काम ज्यादा होता है और प्रोफेशनल लोगों की कमी होती है. ऐसे में अगर आप कम क्वालीफाई हैं तो भी आप केपीओ में जॉब्स पा सकते हैं.

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केपीओ में सैलरी:-
केपीओ में सैलरी अच्छी मिलती है क्योंकि यहां काम करने वाले अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं. अगर आप फ्रेशर के रूप में नौकरी पाते हैं तो बीपीओ के मुकाबले आपको केपीओ में चार गुना अधिक सैलरी मिलेगी. एक बार एक्सपीरियंस ले लेने के बाद आप दूसरी नौकरी में सैलरी को लेकर नेगोशिएट कर सकते हैं.

केपीओ में ग्रोथ:-
जहां तक केपीओ में ग्रोथ की बात है तो अगले 10 साल तक इस क्षेत्र में जॉब्स की कोई दिक्कत नहीं है. दुनियाभर में काम का ग्लोबलाइजेशन हो रहा है. ‘वर्क एट होम’ का चलन भी चल शुरू हो चुका है. आईटी, पब्लिकेशन, फाइनेंशियल, लीगल सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में काम का आउटसोर्स करने वाली दुनियाभर की बड़ी कंपनियों की नजर भारत पर है. इसकी एक खास वजह, कम सैलरी पर मिलने वाली बेहतर क्वालिटी है. यही वजह है कि ग्रामीण भारत से शहरों में आने वाले नौजवानों को आसानी से काम मिल जाता है. ज्यादा आउटसोर्स करने वाले देश अमेरिका और बिट्रेन के अलावा एशियन कंट्री जैसे जापान और कोरिया भी भारत में अपने काम को आउटसोर्स करते है.

केपीओ का दायरा:-
हेल्थकेयर एंड मेडिकल सर्विसेज में जेनेटिक प्रोफाइलिंग, एचआईवी, क्लिनिकल रिसर्च, मेडिकल राइटिंग आदि कर सकते हैं. एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के अंतर्गत ई-ट्यूटरिंग, टेक्निकल राइटिंग, करिकुलम डिजाइन, कंटेंट डेवलपमेंट पर लिखते हैं. लीगल सर्विसेज पर लिखने के शौकीन हैं तो लीगल डॉक्यूमेंट रिव्यू, लीगल वर्क पब्लिशिंग, लीगल सर्विस, पेटेंट, कांट्रेक्ट ड्राफ्टिंग आदि पर लिख सकते हैं. इंजीनियरिंग से जुड़े अपने ज्ञान को बांटना चाहते हैं तो टेक्निकल वर्क, वैल्यू इंजीनियरिंग, कंप्यूटेशनल एनालिसिस, सॉफ्टवेयर वर्क, टेलिकॉम आरएनडी, नेटवर्क मैनेजमेंट पर अपनी लेखनी का कमाल दिखाएं. फाइनेंस से जुड़े लोग फाइनेंशियल एकाउंटिंग, क्रेडिट रिसर्च, इक्विटी रिसर्च, फंड मैनेजमेंट, कॉरपोरेट एंड मार्केट रिसर्च, टैक्स मैनेजमेंट, ट्रेंड एनालिसिस जैसे विषयों पर लिख सकते हैं.

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