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Exclusive: मौलाना साद ने कराया कोरोना टेस्ट, आजतक से बोला- दिल्ली पुलिस जानती है मेरा ठिकाना

मौलाना साद ने कहा कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मेरे बेटे की मौजूदगी में घर की तलाशी भी ली है. साथ ही मुझको कोरोना जांच कराने को कहा है. हम कोरोना वायरस की जांच करा चुके हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जो कह रही है, हम उन सबका पालन कर रहे हैं. इससे पहले मौलाना साद कई ऑडियो जारी कर चुके हैं.

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मौलाना साद
मौलाना साद

  • दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है मौलाना साद की तलाश
  • तबलीगी जमात के लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से हड़कंप
  • मौलाना ने कहा- बवाल करने वाले जमातियों के खिलाफ लें एक्शन

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच लगातार तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद की तलाश कर रही है. हालांकि अभी तक क्राइम ब्रांच को सफलता नहीं मिली है. इस बीच मौलाना साद ने कहा, 'दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को यह पता है कि मैं कहां पर हूं.' आजतक से बातचीत में मौलाना साद ने कहा कि क्राइम ब्रांच दो नोटिस भी भेज चुकी है, जिनका हम जवाब भी दे चुके हैं.

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मौलाना साद ने कहा, 'दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मेरे बेटे की मौजूदगी में घर की तलाशी भी ली है. साथ ही मुझको कोरोना जांच कराने को कहा है. हम कोरोना वायरस की जांच करा चुके हैं, लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं आई है. शनिवार को जांच रिपोर्ट आते ही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को इसकी जानकारी दे दी जाएगी. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जो कह रही है, हम उन सबका पालन कर रहे हैं.'

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लॉकडाउन के पहले ही रद्द कर चुके थे सारे कार्यक्रम

तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने ई-मेल के जरिए आजतक के सवालों के जवाब देते हुए कहा, 'हमने लॉकडाउन के दौरान मरकज में किसी को इनवाइट नहीं किया था. हमने अपने सारे प्रोग्राम 23 मार्च को यानी लॉकडाउन के पहले ही रद्द कर चुके थे. सभी जमाती लॉकडाउन के काफी पहले मरकज आ गए थे और वो कर्फ्यू व लॉकडाउन की वजह से अपने घर नहीं जा पाए थे.'

मौलाना ने बताया- कैसे मरकज में फंसे थे जमाती

उन्होंने कहा, 'जब जनता कफ्यू के दौरान 22 मार्च की रात ढील दी गई थी, तब हमने हजारों जमातियों को शिफ्ट किया था, लेकिन दिल्ली में 23 मार्च को कर्फ्यू लगने से जमाती मरकज में फंसे गए थे. हमने मरकज में फंसे लोगों को उनके ठिकानों तक वापस पहुंचाने के लिए इजाजत भी मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने नहीं दी थी.

मौलाना साद ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर क्या कहा?

आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों पर मौलाना साद ने कहा, 'मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे मुझ पर खुदकुशी के लिए उकसाने का केस चलाया जाए. हमने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से एफआईआर की कॉपी मांगी है. इसके लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को लेटर लिखा है.'

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जब मौलाना साद से जमातियों के हंगामे, मारपीट और छेड़खानी के आरोपों पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, 'हम ऐसे किसी का भी समर्थन नहीं करते हैं, जो देश का कानून को तोड़ता है. हम उस इंसान का भी समर्थन नहीं करते हैं, जो अच्छे लोगों की तरह व्यवहार नहीं करता हैं. प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ शख्त एक्शन लेना चाहिए.

हालांकि की कुछ मामले में प्रशासन ने खुद बताया कि ये सब फेक न्यूज हैं. पूरी दुनिया जानती है कि तबलीगी जमात के लोग अनुशासित होते हैं और कानून का सम्मान करते हैं.

ईडी का अभी तक नहीं मिला कोई नोटिसः मौलाना साद

ED की कार्रवाई और मनी लॉड्रिंग के आरोपों पर मौलाना साद ने कहा कि मरकज किसी से फाइनेंशियल सपोर्ट या डोनेशन नहीं लेता है. मरकज में आने वाले अभी फ्री में आते हैं. मरकज में आने-जाने वाले अपना खर्चा खुद उठाते हैं. हमें अभी तक ED या इस तरह किसी एजेंसी से कोई नोटिस नहीं मिला है.

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इससे पहले मौलाना साद कई ऑडियो जारी कर चुके हैं. इन ऑडियो के जरिए उन्होंने लोगों से रक्तदान करने, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार का सहयोग करने और जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की थी. आपको बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज में मार्च के महीने में जलसे का आयोजन किया गया था, जिसमें काफी संख्या में लोग शामिल हुए थे.

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तबलीगी जमात के मरकज में शामिल लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया था. इसके बाद प्रशासन ने निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज से 2300 से ज्यादा लोगों को निकाला था और क्वारनटीन किया था. इसके अलावा जलसे में शामिल कई जमाती अपने अपने इलाकों को निकल चुके थे.

तबलीगी जमात के मरकज के जलसे में शामिल कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन जमातियों की भी खोज की जा रही है, जो लोग जलसे में शामिल हुए थे या फिर जलसे में शामिल लोगों के संपर्क में आए थे. कई राज्यों में तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को क्वारनटीन किया जा चुका है. इसके अतिरिक्त अब भी कई जमातियों का पता नहीं हैं, जिनकी खोजबीन की जा रही है.

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