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CBI कर रही है DSP जियाउल हक मर्डर केस की क्लोजर रिपोर्ट का परीक्षण, जानें क्या था पूरा मामला

समाजवादी पार्टी ने सीओ जियाउल हक केस के आरोपी रोशन यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है, इसी वजह यह हत्याकांड एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड की क्लोजर रिपोर्ट का परीक्षण शुरू कर दिया है.

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शहीद सीओ जिया उल हक की पत्नी ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी
शहीद सीओ जिया उल हक की पत्नी ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2 मार्च 2013 को बलीपुर गांव में हुआ था सीओ का मर्डर
  • राजा भैया समेत 2 लोगों को मिली थी क्लीन चिट
  • CBI कर रही है क्लोजर रिपोर्ट का परीक्षण

यूपी के प्रतापगढ़ में 8 साल पुराना डीएसपी जियाउल हक मर्डर केस इस चुनावी माहौल में चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल, समाजवादी पार्टी ने सीओ जियाउल हक केस के आरोपी रोशन यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है, इसी वजह यह हत्याकांड एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड की क्लोजर रिपोर्ट का परीक्षण शुरू कर दिया है. क्या थी वो पूरी वारदात और क्या है आज उस केस की कानूनी स्थिति आइए जानते हैं.

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प्रतापगढ़ जिला, 2 मार्च 2013, शाम का वक्त
हथिगवां थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हे यादव बलीपुर गांव में एक विवादित जमीन का मसला सुलझाने के लिए कामता पाल के घर पहुंचे थे. तभी बाइक से आए बदमाश प्रधान नन्हे यादव को गोली मारकर फरार हो गए. प्रधान की हत्या की खबर उनके समर्थकों को मिली तो समर्थकों ने कामता पाल के घर में आग लगा दी. 

बवाल की सूचना पर गांव में पहुंचे थे सीओ
नन्हे यादव को अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी. लोगों में बढ़ते आक्रोश और हुजूम के बीच प्रधान का शव बिना पोस्टमॉर्टम के ही गांव में पहुंच गया. हत्या के मामले में बिना पोस्टमॉर्टम के शव गांव में पहुंचने की ख़बर सीओ जियाउल हक को मिली तो वे अपने लाव लश्कर के साथ गांव वालों से बात करने पहुंचे. लेकिन गांव में हिंसा शुरू हो गई. पथराव होने लगा. 

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पुलिस पर हमला, सीओ बने शिकार
कुंडा के कोतवाल सर्वेश मिश्रा के साथ सीओ जियाउल हक जैसे ही गांव में पहुंचे तो गांववालों ने पुलिस पर हमला बोल दिया. इसी अफरा-तफरी में फायरिंग होने लगी. इसी दौरान नन्हे यादव के भाई सुरेश यादव की भी गोली लगने से मौत हो गई. गांववालों के हमला करते ही पुलिसवाले भाग खड़े हुए और डीएसपी जियाउल हक गुस्साए गांववालों की भीड़ का शिकार हो गए. इस मामले में उनकी शहादत हो गई.

एक वारदात, 4 एफआईआर
बलीपुर गांव में हुए इस हत्याकांड में कुल 4 एफआईआर दर्ज करवाई गई. जिसमें एक एफआईआर नन्हे यादव हत्याकांड की थी. दूसरी एफआईआर पुलिस पर हमले की थी. तीसरी एफआईआर सुरेश यादव के मर्डर की थी और चौथी एफआईआर में सीओ जियाउल हक के मर्डर की थी. जिसमें तत्कालीन एसओ मनोज शुक्ला की तरफ से प्रधान नन्हें यादव के भाइयों और बेटे समेत 10 लोगों को नामजद किया गया. 

शहीद सीओ की पत्नी ने भी दर्ज कराई थी FIR
इस मामले में शहीद सीओ जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने भी हत्या का मामला दर्ज कराया. उनकी तरफ से दर्ज कराई गई FIR में कुल 5 लोगों को नामजद किया गया. जिसमें तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, राजा भैया का प्रतिनिधि हरिओम श्रीवास्तव, रोहित सिंह, राजा भैया का ड्राइवर रहा संजय सिंह उर्फ गुड्डू और रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को नामजद किया गया था. 

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जांच सीबीआई के हवाले
इसके बाद शहीद सीओ की पत्नी परवीन आज़ाद की शिकायत को भी पहले दर्ज की गई एफआईआर में शामिल कर लिया गया. जिस वक्त प्रतापगढ़ में सीओ जियाउल हक की हत्या हुई, उस वक्त राजा भैया विधानसभा सत्र के चलते लखनऊ में मौजूद बताए गए. हत्याकांड के अगले ही दिन राजा भैया ने भी इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. सरकार ने जांच सीबीआई के हवाले कर दी.

सीबीआई  ने राजा भैया को दी क्लीन चिट
सीबीआई ने जांच शुरू की और अप्रैल 2013 में नन्हे यादव के बेटे पवन यादव, बबलू यादव, फूलचंद यादव और मंजीत यादव को डीएसपी जिया उल हक की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया. लेकिन सीबीआई ने जांच के दौरान गुलशन यादव और रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को क्लीन चिट दे दी और इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट भी दाखिल कर दी.

एक आरोपी ने लिया था राजा भैया का नाम
सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट में लिखा कि जांच के दौरान पाया गया कि सीओ जियाउल हक की हत्या किसी सोची समझी साजिश का हिस्सा नहीं थी. हाई कोर्ट में दाखिल की गई इस क्लोजर रिपोर्ट पर शहीद सीओ की पत्नी परवीन आजाद ने आपत्ति दर्ज करवाई. उन्होंने अपनी आपत्ति में एक आरोपी पवन यादव के उस पत्र का जिक्र किया, जो उसने जेल से भेजा था. पत्र में आरोपी पवन यादव ने परवीन आजाद को बताया था कि सीओ साहब की हत्या राजा भैया के इशारे पर उनके शूटर नन्हे सिंह ने की है.

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सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति
शहीद सीओ जियाउल हक की पत्नी ने पवन यादव के इसी पत्र के आधार पर सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि सीबीआई ने जांच के दौरान तमाम तथ्यों को नजरअंदाज किया है. मगर उनके आरोपों की जांच नहीं हुई. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि सीबीआई इस मामले में जांच का दोबारा से परीक्षण कर ले कहीं कोई तथ्य रह ना जाए. 

क्लोजर रिपोर्ट का परीक्षण
फिलहाल, सीबीआई ने भी हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शहीद सीओ जियाउल हक की हत्या के मामले में दाखिर की गई क्लोजर रिपोर्ट का परीक्षण शुरू कर दिया है. जांच में सामने आए तथ्यों को दोबारा से परखा जा रहा है.

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