सिंगापुर में मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग की मौत की जांच चल रही है, लेकिन अभी रहस्य से पर्दा उठने में वक्त लगेगा. सिंगापुर पुलिस ने शुक्रवार को कहा है कि उनकी मौत की जांच पूरी होने में करीब तीन महीने और लग सकते हैं. जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट राज्य के कोरोनर को सौंपी जाएगी, जो यह तय करेंगे कि इनक्वायरी की जाए या नहीं.
52 वर्षीय जुबिन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर के सेंट जॉन्स द्वीप के पास तैरते समय रहस्यम परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उस वक्त वे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के सांस्कृतिक ब्रांड एंबेसडर के तौर पर सिंगापुर में मौजूद थे. यह फेस्टिवल 20 और 21 सितंबर को आयोजित होना था. सिंगापुर पुलिस बल ने कहा कि तथ्यों की गहराई से जांच की जा रही है.
सिंगापुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट राज्य के कोरोनर को भेजी जाएगी. कोरोनर की जांच एक न्यायिक प्रक्रिया होती है, जिसमें मृत्यु के कारणों और परिस्थितियों का पता लगाया जाता है. इसके बाद निष्कर्ष सार्वजनिक किए जाते हैं. जुबिन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट 1 अक्टूबर को भारतीय उच्चायोग के साथ साझा की जा चुकी है.
पुलिस ने स्पष्ट किया कि प्रारंभिक जांच में जुबिन गर्ग की मौत में किसी भी तरह की गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं मिला है. यह भी कहा गया कि ऑनलाइन प्रसारित हो रही झूठी और अटकलों पर आधारित सूचनाओं से पुलिस पूरी तरह अवगत है. पुलिस ने जनता से अपील की कि वे अपुष्ट जानकारी न फैलाएं और अफवाहों से बचें. जांच पूरी होने का इंतजार करें.
एक अधिकारी ने कहा, ''हम एक गहन और पेशेवर जांच के लिए प्रतिबद्ध हैं, इसमें समय लगता है. कृपया धैर्य और समझ बनाए रखें.'' यह मामला केवल सिंगापुर तक सीमित नहीं रहा. भारत के असम में भी इसकी गूंज सुनाई दी. 1 अक्टूबर को असम पुलिस ने इस केस से जुड़ी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया था.
एसआईटी ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है. सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है. हालांकि, सिंगापुर पुलिस की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि उनकी जांच स्वतंत्र है और किसी बाहरी प्रभाव से संचालित नहीं होगी. जुबिन गर्ग की मौत ने पूरे पूर्वोत्तर भारत को झकझोर दिया था. असम के लोगों के लिए वे एक भावनात्मक प्रतीक थे.