क्या हमारी दिल्ली में गुस्सा अब पूरी तरह से बेलगाम हो चुका है. कोई ऐसी सूरत नहीं कि इसे काबू में किया जा सके. ताकि इस शहर की गली मोहल्ले में इसकी वजह से खून का बहना बंद हो जाए. क्योंकि अब इस बेलगाम गुस्से की वजह से खून के बहने का सिलसिला बहुत तेजी से बढ़ रहा है. शायद हर दूसरे या तीसरे रोज ऐसी खबर आती है. जब गुस्से में बढ़ी बात मौत के मातम तक जा पहुंचती है.
जी हां, हम उस वारदात का जिक्र कर रहे हैं, जिसने इस वक्त पूरी दिल्ली का सिर चकरा कर रख दिया है. यहां एक बेलगाम गुस्से ने एक हंसती खेलती जिंदगी और परिवार को तबाह कर दिया है. एक मामूली बात ने इस घर को मातम के सैलाब में धकेल दिया है. यह वारदात दिल्ली के बेलगाम जुर्म और राजधानी के बदलते मिजाज की ताजा गवाह हैं. इस दिल्ली में ऐसी वारदात की मिसालों की कोई कमी नहीं है.
दिल्ली के पॉश इलाके विकासपुरी से जो किस्सा सामने आया उसने यकीनन इस बात को सोचने को मजबूर कर दिया कि आखिर हम कहां से कहां पहुंच गए. गम और गुस्से के बाद पैदा हुईं ये तस्वीरें उस मंजर की कहानी कहती हैं जिन्हें हम किसी भी सूरत में अपनी आंखों के सामने नहीं देखना चाहते. अब तो अक्सर ऐसे गुस्से की कुछ तस्वीरें कैमरों में भी कैद हो जाती हैं. एक-एक करके ऐसी तस्वीरें दिल्ली में बेरहम तरीके से फैलती जा रही हैं.
डॉक्टर की ऐसे हुई बेहरमी से हत्या
राजधानी के पॉश इलाके विकासपुरी में एक डॉक्टर की बेहरमी से हत्या कर दी गई. बात मामूली-सी थी. राह चलते एक स्कूटी वाले को रबर की गेंद लग गई थी. इस बात पर विवाद इतना गहराया कि स्कूटी वाले लड़के ने 15-20 दोस्तों के साथ डॉक्टर के घर पर हमला बोल दिया. सभी बल्ले, हॉकी स्टिंक और डंडों से लैस थे. पहले हमलावरों ने डॉक्टर के घर पर ईट-पत्थर फेंक और फिर घर में दनादन घुस आए.
जान जाने तक पीटते रहे हमलावर
परिवार के लोगों को कुछ समझ में आता इससे पहले ही सभी ने डॉक्टर पंकज नारंग की पिटाई शुरू कर दी. पिटाई करने के बाद सभी ने उसको खींच कर घर से बाहर निकाला और बेरहमी से धुनाई करने लगे. बीच-बचाव के लिए आए डॉक्टर के साले को भी हमलावरों ने नहीं छोड़ा. वो तब तक उसको पीटते रहे जब तक उनकी जान ना निकल गई. हैरानी तो ये है कि इतने शोर-शराबे में भी कोई उनकी मदद के लिए नहीं आया.
जीत की जश्न ऐसे बन गई जानलेवा
दरअसल ये बात उस रात की है जब एक बेहद रोमांचक मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ भारत ने जीत दर्ज की थी. उस जीत के बाद डॉक्टर पंकज भी जश्न के मूड में थे. उनका 6 साल का बेटा भी देर रात तक जगा हुआ था. तभी बालकनी में क्रिकेट खेलने का प्लान बना. लेकिन उन्हें क्या पता था कि क्रिकेट का ये खेल उनके लिए जानलेवा साबित हो जाएगा. डॉक्टर अपने बेटे के साथ बालकनी में रबर बॉल से क्रिकेट खेलने लगे.
माफी मांगी पर शांत नहीं हुआ गुस्सा
तभी उनके बेटे ने एक ऐसा शॉट मारा कि बॉल बालकनी से नीचे आ गिरी. एक स्कूटी वाले को जा लगी. बॉल लगने से स्कूटी सवार दो लड़के हरीश और नसीर भड़क गए. दोनों ने डॉक्टर को भला-बुरा भी कहा. लेकिन डॉक्टर ने दोनों से माफी मांग ली. इसके बाद भी उन दोनों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. दोनों ने देख लेने की धमकी दी और चले गए. करीब 20 मिनट के बाद दोनों 10-15 दोस्तों के साथ आ धमके.
तमाशबीन बने रहे कॉलोनी के लोग
रात ज्यादा होने की वजह पूरी कॉलोनी में सन्नाटा था. लोग घरों में बंद थे. तभी शोर मचाते हुए लड़कों का झुंड पहुंचा. डॉक्टर पंकज से गाली-गलौज करते हुए पथराव करने लगे. पॉश कॉलोनी में शोर सुनकर भी लोगों ने अनसुना कर दिया. जो बाहर निकले वो बस तमाशबीन ही बने रहे. लड़कों की गुंडागर्दी का आलम ये था कि डॉक्टर पंकज के रिस्पॉन्स न करने पर सभी दनदनाते हुए घर में घुस गए. उन्हें खोज निकाला और टूट पड़े.