कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (MHA) ने गरीबों की सुरक्षा के उपायों के लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. हलफनामे में कहा गया है कि देश की 2/3 जनसंख्या में (80 करोड़ से अधिक) प्रति माह 5 किलो मुफ्त राशन दिया जा रहा है.
लॉकडाउन के दौरान 19.4 करोड़ परिवारों में प्रति माह एक किलो दाल प्रदान की गई है. MHA ने कोर्ट में प्रवासियों के लगाए गए 37,978 राहत शिविर के बारे में भी बताया है. इन शेल्टर होम में करीब 14.3 लाख लोग रह रहे हैं. वहीं, भोजन शिविरों में 1.34 करोड़ लोगों को भोजन दिया जा रहा है.
बता दें कि गृह मंत्रालय ने देश में शनिवार से तमाम दुकानों को शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दे दी है. पहले लॉकडाउन की वजह से सभी तरह के प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए थे और सिर्फ जरूरी सामान जैसे सब्जी, फल, दवाई और किराना की दुकानों को ही खोलने की इजाजत दी गई थी. लेकिन अब जरूरी चीजों के साथ ही गैर-जरूरी चीजों की दुकानें खोलने की सशर्त इजाजत दे दी गई है.
इन शर्तों के साथ खुलेंगी दुकानें
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने आवासीय कॉलोनियों के समीप बनी दुकानों और स्टैंड-अलोन दुकानों को खोलने की इजाजत दी है जो नगरपालिका और नगर निगमों की सीमा के भीतर आती हों. लेकिन इस इजाजत के साथ गृह मंत्रालय ने कुछ शर्तें भी लागू की हैं. दुकानों में सिर्फ 50 फीसदी स्टाफ मास्क के साथ ही काम कर सकेगा.
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हॉटस्पॉट एरिया में छूट नहीं
शर्तों के मुताबिक, सभी दुकानें संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना अधिनियम के तहत पंजीकृत होनी चाहिए. दुकानों में सिर्फ आधा स्टाफ ही काम कर सकेगा. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्टाफ को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. हालांकि हॉटस्पॉट एरिया में ये इजाजत नहीं दी गई है.