भारत ने जल्दी लॉकडाउन का एलान करने और कर्फ्यू के 40 दिन पूरा करने के बावजूद कोरोनो वायरस केसों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की है. 4 मई की देर रात तक, भारत में करीब 43,000 केस के साथ 1,400 मौत रिपोर्ट हो चुकी थीं. इनमें बीते चार दिन में ही 9,000 नए केस शामिल थे.
भारत में 25 मार्च को देशभर में लॉकडाउन अमल में आया. 3 मई को लॉकडाउन का दूसरा चरण पूरा हुआ. कुल मिलाकर इस तारीख तक लॉकडाउन के 40 दिन पूरे हो गए. लेकिन 30 अप्रैल से 4 मई तक Covid-19 केसों की संख्या 33,610 से बढ़कर 42,553 हो गई.
इंडिया टुडे डेटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने भारत में 25 मार्च से 3 मई तक दैनिक कोरोना वायरस केसों की बढ़ोतरी के 7 दिन के रोलिंग औसत का विश्लेषण किया. साथ ही इन आंकड़ों की तुलना कुछ सबसे प्रभावित देशों के लॉकडाउन के पहले 40 दिनों से की. इन देशों में यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, फ्रांस और चीन शामिल हैं.
नए केसों की विसंगतियों से बचने के लिए रोलिंग या मूविंग औसत अधिक विश्वसनीय पैमाना है. खास तौर पर ये जानने के लिए संक्रमण के फैलाव की असल स्थिति क्या है. यह नए केसों की रिपोर्टिंग में अचानक बढ़ोतरी के ट्रेंड या गिरावट के ट्रेंड को दिखाता है. यह नए केसों की रिपोर्टिंग में हुई देरी या अंतराल को भी दर्शाता है.
लॉकडाउन@40
DIU ने विश्लेषण में पाया कि लॉकडाउन के पहले 40 दिनों में, अधिकतर सर्वाधिक प्रभावित देशों में कोरोना वायरस केसों की संख्या ने चरम पर पहुंचने के बाद नीचे खिसकना शुरू कर दिया. हालांकि ये बात भारत के लिए नहीं कही जा सकती है, इस तथ्य के बावजूद कि भारत ने 500 से कुछ अधिक केस रिपोर्ट होने पर ही देशभर में कर्फ्यू लगा दिया था.
भारत में लॉकडाउन के 40वें दिन Covid-19 केसों में हर दिन बढ़ोतरी की सात दिन का रोलिंग औसत 2,022 थी. इसका मतलब है कि पिछले एक हफ्ते में भारत ने प्रति दिन 2,022 नए केस जोड़े. चूंकि संख्या लगातार बढ़ रही है, इसलिए भारत का शिखर क्या होगा, ये अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है.
हालांकि भारत की तुलना में इटली, ब्रिटेन और स्पेन में हर दिन बढ़ते केसों का औसत ज्यादा था, लेकिन इन्होंने नीचे की तरफ जाना शुरू कर दिया. वास्तव में, अपने लॉकडाउन के 4 वें दिन तक, फ्रांस और चीन ने भारत की तुलना में अपने हर दिन बढ़ने वाले केसों की संख्या को कम कर दिया था. लॉकडाउन के अपने 40वें दिन सात दिन का रोलिंग औसत फ्रांस के लिए 1,882 और चीन के लिए 413 था. चीन में ही इस महामारी ने सबसे पहले सिर उठाया था.

दिलचस्प बात यह है कि दैनिक केसों के जुड़ने की रफ्तार कम और धीमी होने के बावजूद, फ्रांस ने अभी भी अपने लॉकडाउन को खत्म नहीं किया है. फ्रांस में 17 मार्च को लॉकडाउन अमल में आया था. तब वहां 6,573 कोरोनावायरस केस थे. विश्व स्वास्थ्य संगठन की दैनिक स्टेट्स रिपोर्ट के मुताबिक, 4 मई तक फ्रांस में 1.3 लाख केस दर्ज हुए थे.
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फ्रांस में 11 मई से लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील की उम्मीद है लेकिन इसने स्वास्थ्य आपातकाल को 24 जुलाई तक बढ़ा दिया है. यानि इस अवधि में देश में आने वाले यात्रियों को दो हफ्ते तक आइसोलेशन में रहना होगा.
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चीन ने महामारी के इपिसेंटर वुहान को 23 जनवरी को लॉकडाउन किया था तब तक चीन में 571 केस रिपोर्ट हुए थे. वहां लॉकडाउन 8 अप्रैल को खत्म हुआ, तब तक चीन वायरस पर काबू पाने में सफल हो गया था.
भारत में लॉकडाउन खुलने पर अफरातफरी मुमकिन
4 मई को भारत ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में प्रवेश किया. या इसे बंदिशों में ढील का पहला चरण भी कहा जा सकता है. सोशल मीडिया पर शराब की दुकानों के बाहर उमड़ी भीड़ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं. 40 दिनों में पहली बार शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दी गई थी. इनके बंद रहने से 40 दिन में सरकारी खजाने को काफी नुकसान हुआ. हालांकि, शराब की दुकानें खोलने से सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों की अनदेखी होती दिखी.
गौर करने वाली बात है कि भारत के करीब 60 प्रतिशत कोरोना वायरस केस (4 मई तक) सिर्फ 12 शहरों से ही रिपोर्ट हुए. इनमें मुंबई 8,800 केस के साथ सूची में सबसे ऊपर बना हुआ है.

सरकार ने देश के जिलों को रेड, ऑरेन्ज और ग्रीन रंग के जोन्स में बांटा है. इसका आधार हर दिन केसों में बढ़ोतरी को बनाया गया है. हालांकि सार्वजनिक स्थान जैसे कि मॉल, थिएटर और ट्रांसपोर्ट (ज़रूरी को छोड़कर) अगला नोटिस आने तक बंद रहेंगे.