भारत में इस साल 30 जनवरी को पहला कोरोनावायरस पुष्ट केस केरल से सामने आया. इसके 80वें दिन तक भारत में 16,000 से ज्यादा COVID19 केस रिपोर्ट हो चुके थे और 519 लोगों की मौत हो चुकी थी. भारत के अलावा ऐसे अनेक देश हैं जहां पहले COVID19 केस को आए 70-80 दिन बीत चुके हैं. ऐसे में कुछ सर्वाधिक प्रभावित देशों की तुलना में भारत की क्या स्थिति है?
इंडिया टुडे डेटा इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) ने भारत में वायरस के पहले 80 दिनों की तुलना 12 और अहम देशों से की तो सामने आया कि भारत ने समस्या को इस अवधि में बहुत ज्यादा नहीं बढ़ने दिया. DIU ने जिन 12 देशों को स्कैन किया उनमें चीन, इटली, स्पेन, यूएसए, यूके, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, ईरान, जापान, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया शामिल हैं.
पहले केस
भारत में 30 जनवरी 2020 को पहला कोरोनावायरस केस केरल के त्रिशूर जिले से रिपोर्ट हुआ. मरीज एक छात्र था जो चीन के वुहान से भारत लौटा था . फरवरी के पहले हफ्ते तक इस तटीय राज्य में 3 पुष्ट केस सामने आ चुके थे. फरवरी के अंत तक तीनों ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गए.
लेकिन मार्च के मध्य में कोरोनावायरस की दूसरी लहर उबरी. सरकार ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का एलान किया जिसे बाद में 3 मई तक बढ़ा दिया गया. पहला केस आने से 80वें दिन तक भारत में 16,000 से ज्यादा केस और 519 मौत रिपोर्ट हो चुकी थीं. महामारी के एपिसेंटर चीन में पहला मरीज बीते साल 17 नवंबर को सामने आया था. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के एक लीक से ये सामने आया .
इस रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर के आखिर तक चीन में करीब 266 पुष्ट कोरोनावायरस केस रिपोर्ट हो चुके थे. चीन को इस वक्त वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. भारत समेत कई देश चीन के निवेश पर सख्त निगरानी रख रहे हैं. 17 नवंबर 2019 से 5 फरवरी 2020 तक चीन में 27,409 केस और 526 मौत दर्ज हो चुकी थीं.

अमेरिका की बात की जाए तो उसने 80 दिन में केस की संख्या में सबसे बड़ा उछाल देखा. अमेरिका में दुनिया के किसी भी देश से ज़्यादा केस रिपोर्ट हुए हैं. अमेरिका में पहला केस 21 जनवरी को रिपोर्ट हुआ था. वहां भी एक हफ्ता पहले मरीज वुहान से लौटा था .
पहले 80 दिन में अमेरिका ने अन्य कई विकसित देशों की तरह कोई अहम राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का एलान नहीं किया. 80वें दिन अमेरिका में यानि 10 अप्रैल को करीब 5 लाख केस रिपोर्ट हो चुके थे. मौजूदा स्थिति में अमेरिका में 7.6 लाख से ज्यादा केस हैं और इसने अभी तक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का एलान नहीं किया है. कुछ राज्यों में गवर्नर्स के लोगों को घरों पर रहने के आदेश के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन होने की खबरें भी सामने आई हैं.
इटली, स्पेन और यूके ने अपने पहले केस 1 फरवरी को देखे. यहां 80 दिन 21 अप्रैल को पूरे होंगे. 20 अप्रैल को शाम 4 बजे तक इटली में 1.78 लाख, स्पेन में 1.98 लाख और यूके में 1.2 लाख केस सामने आ चुके थे. फ्रांस में पहला केस 26 जनवरी को सामने आया. इसके बाद यहां 80वें दिन तक 1.34 लाख केस रिपोर्ट हो चुके थे. जर्मनी में पहला केस 28 जनवरी को रिपोर्ट हुआ. वहां 80वें दिन तक 1.4 लाख केस सामने आ चुके थे.
भारत इनमें से अधिकतर देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं. हालांकि कुछ ऐसे देश हैं जिन्होंने कोरोनावायरस को हैंडल करने में अच्छा काम किया है. जापान ने अब तक किसी लॉकडाउन का एलान नहीं किया है. जापान में 80वें दिन तक 3139 केस रिपोर्ट हुए थे. जापान ऐसा देश है जिसने बिना सख्त कदमों को लागू किए ही COVID19 केसों के बढ़ने की रफ्तार को सबसे धीमा किए रखने में कामयाबी पाई है. ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया ने भी अपने यहां पहले केस जनवरी के आखिर में देखे थे. ऑस्ट्रेलिया में 80वें दिन तक 6.415 और मलेशिया में 4987 केस सामने आए थे.

मौत के आंकड़े
भारत में 80वें दिन तक 519 मौत हुईं थी जो कि अधिकतर अन्य प्रभावित देशों की तुलना में कम है. इटली में 23,660, स्पेन में 23453 और यूके में 16,060 मौत 79वें दिन तक हो चुकी थीं. 80वें दिन तक अमेरिका में 18,586, फ्रांस में 17,188 और जर्मनी में 4,352 मौत हो चुकी थीं. 80 वें दिन तक चीन में 562 मौत हुईं. जापान में 80वें दिन तक 77 और ऑस्ट्रेलिया में 62 मौत ही कोरोनावायरस की वजह से हुईं.