कोरोना संकट के बीच सांसद हेमा मालिनी ने सीएम योगी को पत्र लिखकर फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन (FMGE) के बिना पास किए, विदेशों से पढ़ाई करके आने वाले मेडिकल स्नातकों से कोरोना मरीजों का इलाज कराने की अनुमति देने की मांग की है. सांसद ने कहा कि हर जिले में बड़ी संख्या में ऐसे डॉक्टर हैं, जिनका महामारी की इस घड़ी में सहयोग लिया जा सकता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे गए पत्र में मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने एनएमसी के सदस्य डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह के पत्र की संस्तुति का हवाला देते हुए कहा है कि कोरोना महामारी से पूरा देश प्रभावित है. ऐसे में डॉक्टरों की बड़ी संख्या में जरूरत है. ऐसे में उन डॉक्टरों का सहयोग लिया जा सकता है, जिनके द्वारा विदेश से एमबीबीएस किया गया है, लेकिन अभी तक एफएमजीई पास नहीं कर सके हैं. सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में ऐसे डॉक्टर मौजूद हैं. इनकी सहयोग से कोरोना मरीजों के इलाज में बड़ी सहायता मिलेगी.
क्यों जरूरी है एमसीआई परीक्षा
देश के बाहर के किसी चिकित्सा संस्थान से ‘प्राइमरी मेडिकल क्वालिफिकेशन' की डिग्री लेने वाला कोई नागरिक अगर एमसीआई में या किसी राज्य की चिकित्सा परिषद में प्रोविजनल या स्थायी रूप से पंजीकरण कराना चाहता है तो उसे एमसीआई द्वारा राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (नेशनल बोर्ड ऑफ ऑफ एग्जामिनेशन्स) एनबीई के माध्यम से संचालित जांच परीक्षा पास करने की जरूरत होती है. यह जांच परीक्षा ‘फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन' (एफएमजीई) कहलाती है.
यूपी में कोरोना के 1 लाख 63 हजार के करीब एक्टिव केस
यूपी में कोरोना के 10 हजार 682 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस दौरान 24 हजार 837 मरीज ठीक हुए हैं. एक दिन में प्रदेश में कोरोना से 311 लोगों की जान गई है. उत्तर प्रदेश में फिलहाल कोरोना के एक लाख 63 हजार के करीब एक्टिव केस हैं.