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होम आइसोलेशन पर दिल्ली सरकार का रुख, पहले मरीजों को रेफर किया जाएगा कोविड केयर सेंटर

राजधानी में सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को कोविड केयर सेंटर में क्लीनिकल और भौतिक परिस्थितियों के मूल्यांकन के बाद ही होम आइसोलेशन को चुनने की सुविधा दी जाएगी.

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सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo- PTI)
सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo- PTI)

  • कोरोना पॉजिटिव मरीजों के होम क्वारनटीन होने पर दिल्ली सरकार का रुख
  • 24 घंटे में फिजिकल वेरिफिकेशन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी डीएम की

देश की राजधानी में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की तादाद में लगातार रिकॉर्ड इजाफा हो रहा है. इसके मद्देनजर उपराज्यपाल ने शुक्रवार को कोरोना मरीजों के होम क्वारनटीन पर रोक लगा दी थी. उपराज्यपाल के इस फैसले पर दिल्ली सरकार ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद एलजी ने महज 24 घंटे के भीतर अपना फैसला वापस ले लिया था. वहीं, अब राजधानी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के होम आइसोलेशन पर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्टता जारी की है. आदेश के मुताबिक-

  • रोजाना जो कोरोना मामले रिपोर्ट होंगे उनका फिजिकल वेरिफिकेशन 24 घंटे के भीतर सुनिश्चित करवाना डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी होगी.
  • दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक में जो फैसला लिया गया उसका तुरंत प्रभाव से चीफ डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर, डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर और अन्य उपलब्ध संसाधन के जरिए पालन करवाने का निर्देश डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को दिया गया है.
  • DM, जरुरत पड़ने पर अतिरिक्त स्टाफ और संसाधन की मदद से सर्विलांस टीम बढ़ा सकते हैं, जिससे आदेश का ठीक से पालन हो सके और रोजाना सामने आ रहे मामले नियमानुसार अटेंड हो सकें.

बता दें कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की काउंसलिंग के लिए दिल्ली सरकार ने बाकायदा एक कंपनी आउटसोर्स की हुई थी, जो होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को फोन कर उन्हें बताती थी कि उन्हें क्या करना है, कैसे करना है, आदि

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हालांकि, अब वह कंपनी केवल पुराने होम आइसोलेशन वाले मरीजों तक ही सीमित कर दी गई है, जबकि अब जो भी नए संक्रमण के मामले आ रहे हैं उनकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन के हाथ में दे दी गई है.

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इससे पहले शनिवार को दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किया था, जिसमें उपराज्यपाल अनिल बैजल के दिए गए आदेश 'हर कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को 5 दिन के लिए क्वारनटीन सेंटर में रहना अनिवार्य होगा' में संशोधन किया गया था.

आदेश में कहा गया था, दिल्ली में सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को कोविड केयर सेंटर में क्लीनिकल और भौतिक परिस्थितियों (घर की स्थिति) के मूल्यांकन के बाद ही होम आइसोलेशन को चुनने की सुविधा दी जाएगी.

होम आइसोलेशन के लिए जरूरी सुविधाएं

यानी अब सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पहले कोविड केयर सेंटर रेफेर किया जाएगा. कोविड केयर सेंटर में मरीज की क्लीनिकल स्थिति, बीमारी की गंभीरता और co-morbidities यानी अन्य गंभीर पुरानी बीमारियों का होना, इन सभी का मूल्यांकन किया जाएगा. इसके साथ ही मरीज की भौतिक स्तिथि का भी मूल्यांकन किया जाएगा कि क्या उसके पास होम आइसोलेशन के लिए जरूरी सुविधाएं जैसे न्यूनतम 2 कमरे और अलग टॉयलेट उपलब्ध है या नहीं, ताकि परिवार और पड़ोसियों में संक्रमण न फैले.

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आदेश के मुताबिक, अगर मरीज के पास होम आइसोलेशन के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं और उसके क्लिनिकल असीसमेंट (assesment) में कोई co-morbidites नहीं पाई जाती है और हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं है, तब ऐसी स्थिति में मरीज को प्रस्ताव दिया जाएगा कि वो चाहे तो कोविड केयर सेंटर या पेड आइसोलेशन सुविधा में रह सकता है या फिर होम आइसोलेशन को चुन सकता है, लेकिन बाकी सभी मरीजों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के आधार पर कोविड केयर सेंटर में ही रहना होगा.

इसके साथ ही जो लोग होम आइसोलेशन में हैं उन्हें होम आइसोलेशन की सभी गाइडलाइंस का पालन करना होगा और मेडिकल सहायता देने वाले लोगों के संपर्क में रहना होगा, ताकि अगर मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो उसे कोविड हॉस्पिटल में भेजा जा सके.

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