दिल्ली में कोरोना बेकाबू हो गया है. राजधानी ग्लोबल हॉटस्पॉट बनने की राह पर है. वहीं, कोरोना विस्फोट के बीच होम आइसोलेशन का मसला सुर्खियों में बना हुआ है. हालांकि होम आइसोलेशन के मुद्दे पर उपराज्यपाल अनिल बैजल दो बार अपने फैसले से पीछे हट चुके है. गुरुवार DDMA की बैठक में एलजी ने अपने उस फैसले को वापस ले लिया, जिसमें कोरोना पॉजिटिव को कोविड सेंटर जाना जरूरी था.
अभी तक नियम के मुताबिक, किसी भी कोरोना पीड़ित या कोरोना संदिग्ध को सरकार द्वारा बनाए गए कोरोना केयर सेंटर में जाना जरूरी था. उसके बाद सलाह मिलने के बाद वह अपने घर पर होम आइसोलेशन कर सकते थे. केंद्र के निर्देश पर उपराज्यपाल ने ये नियम पिछले शनिवार (20 जून) से लागू किया था.
वहीं, इस नए नियम को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लगातार विरोध जता रहे थे. मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी भी लिखी थी और इस नियम को वापस लेने को कहा था.
दिल्ली में अब मरीज को कोविड सेंटर नहीं जाना होगा, LG ने फिर वापस लिया फैसला
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में अफरा-तफरी मच गई है. कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाला व्यक्ति या तो घर रहना चाहता है या हॉस्पिटल जाना चाहता है, लेकिन एलजी साहब की आदेश की वजह से हर कोई घर ही रहना चाहता है. कोई हॉस्पिटल या क्वारनटीन सेंटर नहीं जाना चाहता है.
शाह मॉडल वर्सेज केजरीवाल मॉडल
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज दो मॉडल हैं. एक अमित शाह जी का मॉडल है, जिसमें सभी पॉजिटिव लोगों को कोविड केअर सेंटर जाना है. दूसरा केजरीवाल जी का मॉडल है, जिसमें मेडिकल टीम घर पर आती है और देखती है कि क्वारनटीन सेंटर जाने की जरूरत है या फिर होम आइसोलेशन से काम चल जाएगा.
कोविड केयर सेंटर जाना अनिवार्य नहीं होगा
इस मसले को लेकर गुरुवार को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) की बैठक हुई. इस बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल अपने पुराने फैसल से पीछे हट गए. बैजल ने अपना वो फैसला वापस ले लिया, जिसमें मरीज को कोरोना केयर सेंटर में जाना जरूर था. ऐसे में अब दिल्ली में अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर जाना अनिवार्य नहीं होगा.
विवाद के बीच होम आइसोलेशन का नया SOP जारी हुआ
22 जून को दिल्ली सरकार ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों (खासतौर से होम आइसोलेशन वाले) के प्रबंधन के लिए नया स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किया. नए SOP के मुताबिक, अगर मरीज का घर होम आइसोलेशन के लिए ठीक नहीं पाया जाता है तो उसको कोविड केयर सेंटर में एडमिट कर दिया जाएगा. इसके अलावा SOP में टेस्टिंग, फॉलोअप, ट्रैकिंग का जिक्र किया गया.
5 दिन सरकारी क्वारनटीन का फैसला वापस लिया
इससे पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राज्य में हर कोरोना संदिग्ध को पांच दिन के लिए सरकारी क्वारनटीन सेंटर में रहने का आदेश दिया था, जिसपर भी बवाल हुआ था और बाद में ये फैसला वापस हो गया था. इस मसले को लेकर दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी.
5 दिन के इंस्टीट्यूशनल क्वारनटीन के आदेश के खिलाफ दिल्ली सरकार कोर्ट पहुंची
दिल्ली सरकार का कहना था कि अगर होम क्वारनटीन का विकल्प खत्म किया जाएगा तो ऐसे लोग जिनमें कोरोना के कम लक्षण हैं वे अपना टेस्ट कराने से भी कतराएंगे. इस टेस्ट कराने वाले लोग हतोत्साहित होंगे.
मुंबई से ज्यादा दिल्ली में फैला कोरोना
दिल्ली में मुंबई से ज्यादा कोरोना फैल चुका है. राजधानी में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 70 हजार के पार पहुंच चुका है. वहीं, मुंबई में 69528 केस आए हैं. बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 3788 नए मामले सामने आए और 64 मरीजों की मौत हुई. वहीं, एक्टिव केस 26,588 बताए जा रहे हैं, जबकि होम आइसोलेशन में 14,844 लोग हैं. दिल्ली में अब तक कुल 41,437 मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं.