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Corona इन 6 राज्यों में अभी भी बरपा रहा कहर, पॉजिटिविटी रेट 17 फीसदी: स्वास्थ्य मंत्रालय

देश भर में अभी कोरोना का संकट टला नहीं है. कई राज्य ऐसे हैं जहां अभी भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है तो कई राज्य ऐसे भी हैं जहां कोरोना सक्रमण की दर कमजोर होती दिखाई पड़ रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना की मौजूदा स्थिति पर जानकारी दी है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना की स्थिति पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की
  • कई राज्यों में कोरोना के मामले घट रहे हैं
  • अन्य देशों से भारत की स्थिति कहीं बेहतर

देश भर में कोरोना के मामलों ने अभी भी चिंता बढ़ा रखी है. एक तरफ जहां कुछ राज्य ऐसे हैं जहां कोरोना के आंकड़े रोजाना तेजी से बढ़ रहे हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी राज्य हैं जहां से राहत भरी खबर आ रही है. कोरोना की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की, जिसमें उन्होंने महामारी की मौजूदा स्थिति, आंकड़े और कोरोना से बचाव की बात की. 

जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट तकरीबन 17 फीसदी है. वहीं देश में कोरोना के इस समय दो लाख से ज्यादा एक्टिव मामले हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कई राज्य ऐसे हैं, जहां कोरोना मरीजों की संख्या काफी चिंताजनक है. जिसमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में मरीजों के आंकड़े टेंशन बढ़ाने वाले हैं. कॉन्फ्रेंस में मंत्रालय ने राज्य और जिलेवार कोरोना की स्थिति पर भी बात की. 

राज्य जिनमें कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं -  

कर्नाटक 
केरल
तमिलनाडु
गुजरात
आन्ध्र प्रदेश
राजस्थान

राज्य जिनमें कोरोना के आंकड़ों में आ रही कमी

महाराष्ट्र
उत्तर प्रदेश
दिल्ली 
ओडिशा
हरियाणा
पश्चिम बंगाल

जिले जहां कोरोना मामलों ने बढ़ाई चिंता

पुणे
एर्नाकुलम
नागपुर 

जिले जहां कोरोना की रफ़्तार थमती हुई नजर आ रही है 

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बेंगलुरु 
चेन्नई
गौतम बुद्ध नगर
कोड़िकोड (केरल)

स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया गया कि सक्रिय मामलों के मामले में टॉप 10 राज्य कुल सक्रिय मामलों में 77% से अधिक योगदान दे रहे हैं. वहीं 90% से अधिक एक्टिव केस होम आइसोलेशन में हैं. ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की जरूरत पड़ने वाले मामले काफी कम देखे गए हैं. तो सक्रिय मामलों की संख्या के सामने मौतों का आंकड़ा बहुत कम है. मंत्रालय ने कहा कि जब अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ तुलना की जाती है तो भारत इस महामारी में बेहतर स्तर पर है.

जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली में जो मृत्यु हुई हैं उनमें 64 फीसदी ने कोई वैक्सीन नहीं ली थी और उनको दूसरी गंभीर बीमारी भी थी. वहीं कुछ राज्यों में टीकाकरण अभी भी कम है. उनसे अनुरोध है कि वो टीकाकरण को बढ़ावा दें. वहीं बूस्टर डोज पर को रद्द करने की बात पर जॉइंट सेक्रेटरी ने कहा कि ऐसी सभी रिपोर्ट्स गलत हैं जो यह कहती हैं कि बूस्टर डोज़ पर सरकार कोई फैसला लेने जा रही है. इसे रद्द करने जैसी कोई भी चर्चा अभी तक नहीं हुई है.

 

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