कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन के ऐलान के बाद ही सड़कों पर दिहाड़ी मजदूरों और रिक्शाचालकों की भारी भीड़ उमड़ गई. फैक्ट्री बंद हो जाने और पैसा नहीं मिलने के डर से ऐसे लोग महानगरों से अपने गांव की तरफ पैदल ही लौटने लगे जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ गया. अब ऐसे लोगों को सरकार ने राहत देने का फैसला किया है.
दिल्ली, नोएडा जैसे देश के अन्य शहरों में रहने वाले गरीब तबके के मजदूरों और कामगारों को लेकर केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस से महामारी फैलने के दौरान ऐसे लोगों से कोई भी मकान मालिक एक महीने तक किराया नहीं ले सकेंगे.
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आदेश में आगे कहा गया है कि अगर किसी मकान मालिक ने ऐसे कामगारों या छात्रों पर किराया देने के लिए दबाव बनाया या फिर उनसे जबरन मकान खाली कराने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि शनिवार को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर अपने-अपने गांव और शहर जाने के लिए ऐसे लोगों की भारी भीड़ इकट्ठी हो गई थी जिससे प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे. लोगों से जब इसका कारण पूछा गया तो ज्यादातर लोगों ने कहा कि काम बंद हो जाने की वजह से उनके पास किराया देने और खाने के लिए पैसा नहीं है इसलिए वो अपने गांव लौट जाना चाहते हैं.
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इसके बाद केंद्र सरकार फौरन हरकत में आ गई और स्थानीय प्रशासन को ऐसे लोगों के लिए मुफ्त रहने और खाने की व्यवस्था करने का आदेश दिया है.