फ्रांस ने कोरोना वायरस के खिलाफ निपटने में भारत की मदद का ऐलान किया है. फ्रांस ने कोरोना से निपटने के लिए वेंटिलेटर और किट्स भेजे हैं जो मंगलवार तक भारत पहुंच जाएंगे. भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
असल में, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में कोरोना से निपटने के लिए भारत को मेडिकल इक्विपमेंट अनुदान में देने का ऐलान किया था. रणनीतिक साझेदार के रूप में फ्रांस और भारत कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर काम कर रहे हैं. 24 जुलाई को लिखे पत्र में फांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस साल की शुरुआत में मदद करने को लेकर आभार जताया है.
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने लिखा, 'फ्रांस जब सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर कठिन दौर से गुजर रहा था तो भारत ने मदद की. दवाओं के संबंध में इसने (भारत) बहुत अहम भूमिका निभाई. मैं गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं के निर्यात को अधिकृत करने के लिए एक बार फिर आपको धन्यवाद देना चाहता हूं. यह हमारे बीच रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है.'
Prez @EmmanuelMacron wrote to PM @narendramodi to announce an exceptional package to support India’s fight against #COVID19
A French Air Force A330 MRTT aircraft equipped with a “Morpheus” kit will land today with high quality ventilators as well as test & serological kits. pic.twitter.com/yxS5hJwgNY
— Emmanuel Lenain (@FranceinIndia) July 27, 2020
फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि इस संकट में भारत के साथ फ्रांस आपके साथ खड़ा है. हम आपके साथ पूरी तरह खड़े हैं. भारतीय प्रशासन जिन जरूरतों (मेडिकल संबंधी) के बारे में बताया हमने वो मदद करने को कहा है.
France is donating #COVID19 medical equipment to India & sharing technical expertise.
The French Air Force A330 MRTT aircraft is on its way to deliver:
- 50 Osiris-3 ventilators
- 70 Yuwell 830 ventilators
- 50k IgG/IgM test kits
- 50k nose & throat swabs pic.twitter.com/1dGP8IWhFa
— Emmanuel Lenain (@FranceinIndia) July 27, 2020
भारत को क्या भेजा
फ्रांस ने भारत को 50 Osiris-3 वेंटिलेटर्स, 70 Yuwell 830 वेंटिलेटर्स और किट्स भेजे हैं. इन मेडिकल सामग्री को लेकर फ्रांस एयरफोर्स का A330 MRTT विमान आ रहा है. ओसीरिस वेंटिलेटर का विशेष रूप से आपातकालीन परिवहन के दौरान उपयोग किया जाता है.